जयपुर.केंद्र की मोदी सरकार ने सीबीएसई की 12वीं बोर्ड की परीक्षाओं को रद्द कर दिया है. जिसके बाद अब राजस्थान में सबकी नजरें प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और प्रदेश अध्यक्ष और शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा पर टिक गई हैं कि राजस्थान बोर्ड की 10वीं और 12वीं की परीक्षाओं को लेकर सरकार क्या निर्णय लेती है.
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केंद्र सरकार ने सीबीएसई की 12वीं की परीक्षा को निरस्त कर दिया है. ऐसे में अब राजस्थान सरकार पर भी यह दबाव है कि वह इसे लेकर निर्णय ले. हालांकि प्रदेश के शिक्षा मंत्री का मानना था कि वह कोरोना कम होने पर जुलाई में बोर्ड परीक्षा करवा लेंगे और 2 दिन पहले उन्होंने इसके संकेत भी दिए थे. लेकिन अब केंद्र की मोदी सरकार के सीबीएसई 12वीं बोर्ड की परीक्षाएं निरस्त करने के निर्णय के बाद राजस्थान शिक्षा मंत्री जो खुद प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष भी हैं उन पर राजस्थान बोर्ड की परीक्षाएं रद्द करने का दबाव बढ़ गया है.
इसके लिए राज्य सरकार ने आज शाम 5 बजे कैबिनेट बैठक भी बुलाई है. जिसमें राजस्थान माध्यमिक बोर्ड की 10वीं और 12वीं की परीक्षाओं को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अंतिम निर्णय लेंगे. संभावना इस बात की ज्यादा है कि राज्य सरकार परीक्षाएं रद्द कर सकती है. क्योंकि जिस तरीके से खुद प्रियंका गांधी ने केंद्र सरकार पर पत्र लिखकर सीबीएसई की परीक्षाओं को निरस्त करने के लिए दबाव बनाया था. ऐसे में कांग्रेस शासित राज्य सरकार कैसे बोर्ड परीक्षाएं आयोजित करा सकती है.
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यही वजह है कि माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की जुलाई में परीक्षाएं करवाने की तैयारी में जुटी गहलोत सरकार आज मंत्रिमंडल की बैठक के बाद इसे रद्द करने का निर्णय ले सकती है. हालांकि अंतिम निर्णय आज शाम 5 बजे होने वाली बैठक के बाद ही सामने आएगा. लेकिन जिस तरीके से कांग्रेस और उसकी छात्रसंघ इकाई एनएसयूआई ने केन्द्र सरकार पर सीबीएसई बोर्ड की परीक्षाएं रद्द कराने के लिए दबाव बनाया था, उसके बाद गहलोत सरकार नहीं चाहेगी कि वो परीक्षाएं आयोजित कर विपक्ष को राजनीति का कोई मुद्दा दे.