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पूर्व विधायकों और संविदा कर्मियों के लिए राजस्थान सरकार ने खोला राहत का पिटारा

विधानसभा के पूर्व सदस्यों को अब बिना अनुपलब्धता प्रमाण पत्र के निजी मेडिकल स्टोर्स से दवाइयां खरीदने की छूट दी गई है. संविदा कर्मियों को लॉक डाउन की अवधि के वेतन और पारिश्रमिक का भुगतान किए जाने की पहल मुख्यमंत्री के निर्देशों पर की गई है.

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राजस्थान सरकार ने दी राहत

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Published : Jul 4, 2021, 6:04 PM IST

जयपुर. राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार (Ashok Gehlot) ने रविवार को विधानसभा के पूर्व सदस्यों और विभिन्न राजकीय विभागों/उपक्रमों में कार्यरत संविदा कर्मियों (Contract workers) के लिए राहत का पिटारा खोला है.

पूर्व विधायकों के लिए नियमों में ये संशोधन

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्थान विधानसभा (Rajasthan Legislative Assembly) के भूतपूर्व सदस्य एवं कुटुम्ब पेंशनर (चिकित्सा सुविधाएं) नियम 2010 के नियम 11 (3) के प्रावधानों में शिथिलता देते हुए विधानसभा के पूर्व सदस्यों को 29 अप्रैल से 31 जुलाई 2021 तक की अवधि के लिए बिना अनुपलब्धता प्रमाण पत्र (NAC) के निजी मेडिकल स्टोर्स से दवाइयां क्रय करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है.

इससे पहले 29 अप्रैल को जारी वित्त विभाग (finance department) के आदेशों के तहत कोविड-19 महामारी के मद्देनजर राजस्थान राज्य पेंशनर्स चिकित्सा रियायती योजना 2014 (Rajasthan State Pensioners Medical Concession Scheme 2014 ) के पैरा 8 (3) (2) में शिथिलता देते हुए 31 जुलाई 2021 तक की अवधि के लिए बिना NAC के निजी दुकानों से दवा खरीदने की अनुमति दी गई थी. वित्त विभाग की ओर से 27 मई 2021 को राजस्थान सिविल सेवा (चिकित्सा परिचर्या) नियम, 2013 में शिथिलन के लिए आदेश जारी किए गए थे, जिसमें राज्य कर्मचारियों को छूट दी गई थी. दोनों छूट विधानसभा के पूर्व सदस्यों पर लागू नहीं होती है. इसलिए यह शिथिलन दिया गया है.

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संविदा कर्मियों को भी दिया आर्थिक संबल

राजस्थान में विभिन्न विभागों, राजकीय उपक्रमों आदि में कार्यरत संविदा कार्मिकों, आकस्मिक स्रोतों आदि के माध्यम से नियुक्त कार्मिकों को अप्रैल 2021 में लागू किए गए राज्यव्यापी लॉकडाउन (lockdown) की अवधि के वेतन या पारिश्रमिक का भुगतान किया जाएगा. मुख्यमंत्री ने कोरोना महामारी और लॉकडाउन से उत्पन्न विषम परिस्थितियों के मद्देनजर संविदा कार्मिकों को आर्थिक संबल देने के लिए यह निर्णय लिया है.

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस संबंध में वित्त विभाग के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी. प्रस्ताव के अनुसार बड़ी संख्या में संविदा कार्मिकों के लॉकडाउन एवं अन्य प्रतिबंधों के चलते कार्यस्थलों पर उपस्थित नहीं हो सकने के कारण इस अवधि के लिए उनके वेतन या पारिश्रमिक आदि का भुगतान नहीं हो पा रहा है. ऐसे कार्मिकों को वेतन का भुगतान करने के लिए मुख्यमंत्री ने सहमति प्रदान की है. इस निर्णय से बड़ी संख्या में संविदा कार्मिकों, आकस्मिक और अन्य स्रोतों से नियुक्त कार्मिकों को पारिश्रमिक भुगतान का लाभ मिल सकेगा.

गौरतलब है कि वर्ष 2020 में कोरोना महामारी के कारण केन्द्र सरकार की ओर से लागू किए गए राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन प्रतिबंधों की स्थिति में भी संविदा कार्मिकों को उक्त अवधि के लिए वेतन का भुगतान किया गया था.

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