जयपुर.राजस्थान के सियासी घटनाक्रम में नाटकीय मोड़ के साथ बागी विधायकों की पार्टी में वापसी को देखते हुए अब यह अटकलें तेज हो गई हैं कि सरकार की तरफ से जो एफआईआर एसीबी में दर्ज करवाई गई है, उसे वापस लिया जा सकता है. विधायक खरीद-फरोख्त प्रकरण की जांच कर रही राजस्थान एसीबी द्वारा अब तक इस पूरे प्रकरण में किसी भी विधायक से पूछताछ नहीं की गई है और ना ही किसी के बयान दर्ज किए गए हैं.
बागी विधायकों की पार्टी में वापसी के बाद सरकार वापिस ले सकती है केस हालांकि इस प्रकरण से जुड़ी हुई अन्य कड़ियों की जांच करते हुए अब तक केवल एक आरोपी को जेल से प्रोडक्शन वारंट पर गिरफ्तार किया गया है. विधायक खरीद-फरोख्त प्रकरण में राजस्थान एसओजी द्वारा दर्ज की गई तमाम एफआईआर में एफआर लगाने के बाद अब राजस्थान एसीबी बागी विधायकों की पार्टी में वापसी के बाद एसीबी मुख्यालय में दर्ज की गई एफआईआर में एफआर लगा सकती है.
विधायक खरीद फरोख्त प्रकरण में राजस्थान एसीबी द्वारा अब तक विधायक भंवरलाल शर्मा और विश्वेंद्र सिंह को तीन बार नोटिस भेजकर प्रकरण में पूछताछ और बयान दर्ज करने के लिए एसीबी मुख्यालय में पेश होने को कहा जा चुका है.
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वहीं विधायकों द्वारा एसीबी के किसी भी नोटिस का जवाब भी अब तक नहीं दिया गया है. अब जिस प्रकार से राजस्थान की राजनीतिक समीकरण बदले हैं और बागी विधायकों की पार्टी में वापसी हुई है. इसे देखते हुए अटकलें लगाई जा रही हैं कि सरकार के मुख्य सचेतक महेश जोशी की तरफ से एसीबी मुख्यालय में दर्ज करवाई गई एफआईआर को वापस लिया जा सकता है या फिर एसीबी खुद प्रकरण में एफआर लगा सकती है.