जयपुर. राजस्थान विधानसभा में शनिवार को संसद में पास हुए तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ संशोधन विधेयक पेश कर दिया गया है. कानून तोड़ने पर 3 साल से 7 साल तक की सजा और 5 लाख का न्यूनतम जुर्माना तय किया गया है.
- कृषक (सशक्तिकरण और संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार (राजस्थान संशोधन) विधेयक 2020
इस संशोधन बिल के तहत प्रदेश में कृषि उपज मंडी अधिनियम लागू रहेगा और 5 जून 2020 से पूर्व की स्थिति बनी रहेगी. यदि कोई व्यक्ति, कंपनी या कॉर्पोरेट हाउस या कोई अन्य व्यक्तियों का निकाय चाहे वह निगमित हो या न हो, अगर किसान पर जबरन दबाव बनाता है तो उसे 3 साल से 7 साल तक की सजा हो सकती है और उस पर 5 लाख तक के जुर्माने अथवा दोनों का प्रावधान लागू होगा.
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ऐसे में कोई व्यक्ति, फर्म या कंपनी, किसी किसान या कृषि उपज के संबंध किसी व्यक्ति को न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम की कीमत पर उसके कब्जे में की कृषि उपज का संविदा के अधीन विक्रय करने के लिए व्यवस्था करता है या दबाव डालता है और तैयार उपज की सूचना दिए जाने की तारीख से 1 सप्ताह के भीतर किसी कृषि करार के अधीन उपज को स्वीकार करने या माल परिधान लेने से इनकार करता है तो उस पर सजा का प्रावधान किया गया है.
- कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरणल) (राजस्थान संशोधन) विधेयक 2020
इस प्रावधान के तहत अगर कोई किसान का उत्पीड़न करता है, जहां व्यापारी करार किए गए कृषि उत्पाद के परिधान को स्वीकार नहीं करता है या परिणाम को स्वीकार कर लेने के बाद कृषक को करार के अनुसार या माल के परिधान की प्राप्ति की तारीख के 3 दिन के भीतर पेमेंट नहीं करता है तो उसके खिलाफ 3 साल की सजा और कम से कम पांच लाख के जुर्माने या दोनों का प्रावधान रखा गया है. हालांकि इसमें कहीं भी न्यूनतम समर्थन मूल्य की बात नहीं कही गई है, जबकि राज्य सरकार लगातार न्यूनतम समर्थन मूल्य की बात आगे बढ़ा रही थी.