जयपुर. प्रदेश में औसत से ज्यादा बारिश की चेतावनी के साथ ही सरकार भी अलर्ट मोड पर है. एहतियातन हर जिले से रिपोर्ट मांगी गई है. गुरुवार को हुई जिला कलेक्टर के साथ वीसी में आपदा प्रबंधन और सहायता विभाग ने कलेक्टर्स को बाढ़ संभावित क्षेत्रों में तैयारी (Preparation in Rajasthan Flood Prone Areas) के निर्देश दिए हैं. दक्षिण-पश्चिमी मानसून के संबंध में राज्य के बाद संभावित क्षेत्रों में तैयारी सुनिश्चित करने के निर्देश जारी किए हैं.
विभाग के संयुक्त सचिव की ओर से जारी निर्देशों में कलेक्टर्स को आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के अंतर्गत गठित जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की बैठक आयोजित कर अपने जिलों में मानसून की तैयारियों का जायजा लेने को कहा गया है. साथ ही एक जांच सूची जारी कर इसकी प्रत्येक मद के संबंध में विस्तृत रिपोर्ट 30 मई तक देने के निर्देश दिए हैं. सभी जिला कलेक्टर्स को बाढ़ प्रबंधन और नियंत्रण के संबंध में जिला आपदा प्रबंधन योजना और आईडीआरएन वेब पोर्टल को अपडेट करने को भी निर्देशित किया गया है.
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केंद्र सरकार ने दिए 1200 करोड़ : दक्षिण-पश्चिमी मानसून के को देखते हुए केंद्र सरकार ने राज्य सरकार को किसी भी तरह की प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए 1200 करोड़ रुपये का बजट जारी कर दिया है. इसके साथ ही केंद्र सरकार ने राज्य सरकार को निर्देश दिए कि वह वार्ड समभाव क्षेत्रों को चिन्हित कर वहां पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करें केंद्र सरकार से मिले निर्देशों के बाद राज्य सरकार ने सभी जिला कलेक्टर्स से हर जिले की स्थिति की रिपोर्ट मांगी है. इसके साथ ही बाढ़ जैसे हालात से निपटने के लिए किन संसाधनों की आवश्यकता है और उसके लिए कितनी बजट की आवश्यकता है, उसकी भी जानकारी मांगी है. हालांकि, आपदा प्रबंधन विभाग ने सभी जिला कलेक्टर को कंटीजेंसी प्लान के लिए ₹10 - 10 करोड़ रुपये की राशि जारी कर दी है.
गलतियों से लिया सबक : राजस्थान में इस बार मौसम विभाग ने अच्छी बारिश के संकेत दिए हैं. उम्मीद की जा रही है कि अच्छी बारिश होगी, लेकिन यह बारिश आसमान से आफत (Condition of Pre Monsoon in Rajasthan) लेकर नहीं आए. इसको लेकर आपदा प्रबंधन सभी जिलों के साथ तैयारियों में जुट गया है. पिछले दो सालों में देखेंन तो बारां, झालावाड़, जयपुर समेत प्रदेश के कई जिलों में बाढ़ आ गई थी. प्रदेश भर में वर्षा जनित हादसों में करीब 15 हजार से अधिक पशु धन की हानि हुई और सैकड़ों लोग मारे गए. कई जगह रेस्क्यू सही समय से नहीं होने से हालात बिगड़ गए थे. उस वक्त सवाल खड़े हुए थे कि सरकार के स्तर पर आपदा से निपटने के इंतजाम नहीं किए गए थे.
यह मांगी रिपोर्ट :
- उन क्षेत्रों में जहां पानी भरता है व नाले बंद हो जाते हैं, उनकी पहचान कर पूरी जानकारी उपलब्ध कराए.
- जर्जर व पुरानी इमारतों की पहचान कर खाली करवा कर रिपोर्ट मुख्यालय भेजने के निर्देश.
- ऐसी पुलिया जहां वर्षा का पानी आ जाता है या किसी बांध से पानी छोड़े जाने पर पुलिया के ऊपर पानी आ जाता है, ऐसी पुलियाए चिन्हित करने के निर्देश.
- नालों की सफाई एवं मरम्मत का कार्य की विस्तृत रिपोर्ट.
- जिलों में बाढ़ बचाव हेतु टीमों का गठन कर सूची भेजने के निर्देश.
- बाढ़ के वक्त आवश्यक संसाधनों की डिमांड सूची.
इन जिलों पर बाढ़ का खतरा : भारी बारिश के कारण कोटा, बारां, बूंदी, प्रतापगढ़, झालावाड़, भीलवाड़ा, पाली, भरतपुर, करौली सहित एक दर्जन जिलों में बाढ़ के हालात बनने की संभावनाएं तेज बारिश के चलते बनती हैं. इन जिलों के जिला कलेक्टर स्कोर विशेष इंतजाम करने के निर्देश दिए गए हैं.