राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / city

गहलोत सरकार के 2 साल पूरे होने पर वन विभाग ने गिनाई उपलब्धियां

राजस्थान में गहलोत सरकार के 2 वर्ष पूरे हो गए हैं. वन विभाग के अधिकारियों ने 2 वर्ष में कई महत्वपूर्ण योजनाओं को सफल किया. हालांकि नए टाइगर रिजर्व्स की घोषणा नहीं हो सकी और मुकुंदरा में बाघों की मौत से भी विभाग को धक्का लगा. लेकिन वन विभाग ने इन 2 वर्षों में बेहतर काम कर प्रदेश को वन और वन्यजीव संरक्षण की श्रेणी में देश के अग्रणी राज्यों में शुमार किया है.

rajasthan forest department,  gehlot government
गहलोत सरकार के 2 साल पूरे होने पर वन विभाग ने गिनाई उपलब्धियां

By

Published : Dec 17, 2020, 12:59 AM IST

जयपुर.राजस्थान में गहलोत सरकार के 2 वर्ष पूरे हो गए हैं. कोरोना के चलते चुनौतियों के बावजूद विकास कार्यों की रफ्तार बरकरार रही है. सरकार के 2 साल के कामकाज को देखें तो वन विभाग में भी कई उपलब्धियां हासिल की. वन विभाग के अधिकारियों ने 2 वर्ष में कई महत्वपूर्ण योजनाओं को सफल किया. हालांकि नए टाइगर रिजर्व्स की घोषणा नहीं हो सकी और मुकुंदरा में बाघों की मौत से भी विभाग को धक्का लगा. लेकिन वन विभाग ने इन 2 वर्षों में बेहतर काम कर प्रदेश को वन और वन्यजीव संरक्षण की श्रेणी में देश के अग्रणी राज्यों में शुमार किया है.

गहलोत सरकार के 2 साल

वन विभाग ने पौधारोपण में अपना लक्ष्य हासिल किया है. वर्ष 2019-20 में 16000 हेक्टेयर क्षेत्र में पौधारोपण कराया गया था. वर्ष 2020-21 में कुल 21000 हेक्टेयर में पौधारोपण कराया गया है. वन विभाग को कैंपा फंड से करीब 1748 करोड़ रुपए मिले हैं. आरपीएससी अधिनस्थ सेवा बोर्ड के माध्यम से वन विभाग में 1474 पदों पर भर्ती होगी. अगले वर्ष मार्च तक भर्ती प्रक्रिया पूर्ण होने की संभावना है.

पढ़ें:भीलवाड़ा में ACB की बड़ी कार्रवाई, सहायक लेखा अधिकारी को 51 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथ दबोचा

इसके साथ ही प्रदेश में 9 इको सेंसेटिव जोन घोषित किए गए हैं. गोडावन के कृत्रिम प्रजनन में भी वन विभाग को सफलता मिली है. हैचिंग सेंटर में 16 चुजों का प्रजनन हुआ है. टाइगर रिजर्व में प्रबंधन को बेहतर बनाने के लिए टाइगर स्ट्रेटजी पेपर जारी किया गया है. राजस्थान वन एवं जैव विविधता संरक्षण प्रोजेक्ट 1803 करोड़ रुपए का प्रोजेक्ट जायका प्लान में सबमिट कराया गया है. गुरु नानक जी 550वें प्रकाश उत्सव पर 5 गुरु नानक वन तैयार किए गए हैं. बूंदी, कोटा, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़ और अलवर में गुरुनानक वन तैयार किए गए हैं.

चंबल घड़ियाल सेंचुरी के लिए 15.76 करोड़ का प्रोजेक्ट तैयार किया गया है. मनसा माता लेपर्ड कंजर्वेशन रिजर्व के लिए 70.79 लाख का प्रोजेक्ट तैयार किया गया है. राजस्थान स्टेट फॉरेस्ट डेवलपमेंट कॉरपोरेशन का भी गठन किया गया है. इसके साथ ही नगर वन योजना और स्कूल नर्सरी स्कीम योजना की भी घोषणा की गई है.

पर्यावरण विभाग में भी उपलब्धियां मिली है. पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन निदेशालय का गठन किया गया है. स्टेट वेटलैंड अथॉरिटी का गठन हुआ है, सांभर झील के लिए स्टैंडिंग कमेटी का गठन किया गया है. साथ ही सांभर झील प्रबंधन योजना जारी की गई है. जैव विविधता बोर्ड ने 10,000 पंचायत स्तरीय कमेटी गठित की है.

प्रदेश में लंबे समय बाद स्टेट वाइल्डलाइफ बोर्ड का भी गठन किया गया है. इस बोर्ड की पहली बैठक की अध्यक्षता करते हुए सीएम अशोक गहलोत ने प्रदेश में वन और वन्य जीवों के विकास को लेकर दिशा-निर्देश दिए थे. खदानों और अन्य औद्योगिक इकाइयों की लंबे समय से लंबित पर्यावरण मंजूरी के मामलों को गंभीरता से लेते हुए 1709 मंजूरी जारी की गई. प्रमुख सचिव श्रेया गुहा के प्रयासों से कैंपा फंड में प्रदेश को 1748 करोड़ रुपए की राशि भी मिली है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details