जयपुर.प्रदेश में राजस्थान एमएसएमई नीति 2022 और हस्तशिल्प नीति जारी हो गई. इस नीति के लागू होने से न केवल औद्योगिक विकास होगा बल्कि दस्तकारों के रोजगार का भी सृजन होगा. एमएसएमई दिवस के अवसर पर प्रदेश की पहली हस्तशिल्प नीति और राजस्थान एमएसएमई नीति-2022 जारी किया गया. साथ ही उद्यमियों और निर्यातकों को उद्योग रत्न और निर्यात प्रोत्साहन पुरस्कार भी दिए गए.
उद्योग मंत्री शकुंतला रावत ने कहा कि राज्य की प्रथम हस्तशिल्प नीति लागू होने से (Rajasthan MSME Policy 2022) टेक्सटाइल, मेटल एंड वुड, कारपेट, दरी, नमदा, सेरेमिक एवं क्लेआर्ट, पेंटिग, लेदर क्राफ्ट, ज्वैलरी आदि के दस्तकारों को लाभ होगा. साथ ही हस्तशिल्प के क्षेत्र में आगामी 5 वर्षों में 50 हजार से अधिक नए रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे. उन्होंने कहा कि राजस्थान हस्तशिल्प नीति-2022 का उद्देश्य हस्तशिल्पियों के उत्थान के लिए बेहतर मार्केटिंग की व्यवस्था, परंपरागत कलाओं एवं विलुप्त होती कलाओं को पुनर्जिवित करना और रोजगार के नए अवसर सृजित करना है.
रावत ने राजस्थान की हस्तकलाओं पर तैयार की गई कॉफी टेबल बुक ‘राजस्थानी कारीगरी’ का विमोचन भी किया. जयपुर के होटल क्लार्क्स आमेर में इसका आयोजन हुआ. रावत ने कहा कि कृषि के बाद, एमएसएमई क्षेत्र देश में रोजगार सृजन के क्षेत्र में दूसरे पायदान पर है. संख्या में भी अधिक होने से एमएसएमई उद्यम औद्योगिक पारिस्थितिकी तंत्र की रीढ़ के रूप में कार्य करके देश के सामाजिक-आर्थिक विकास में भी बहुत बड़ा योगदान देते हैं. एमएसएमई की क्षमता का दोहन करने के लिए आज नई राज्य की ‘राजस्थान माइक्रो, स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज नीति 2022‘ भी जारी की गई.
हैंडीक्राफ्ट पॉलिसी से ये होगा लाभ :प्रदेश की पहली हैंडीक्राफ्ट पॉलिसी में वित्तीय सहयोग (Rajasthan Handicraft Policy 2022) के लिए कलाकारों को लोन के ब्याज पर 100% सब्सिडी मिलेगी. उत्पादों का निर्यात योग्य बनाने पर फोकस किया जाएगा. उद्योग विभाग के अधीन हस्तशिल्प एवं हथकरघा निदेशालय का गठन होगा. नई पॉलिसी अप्रैल 2026 तक प्रभावी रहेगी. इसके बाद रिव्यू कर संशोधन या फिर नई पॉलिसी लाने पर निर्णय होगा. पॉलिसी में यह प्रावधान भी है कि राज्य में सभी सरकारी समारोहों में स्मृति चिह्न के रूप में अब केवल प्रदेश के हैंडीक्राफ्ट उत्पाद शामिल होंगे.
प्रदेश के हस्तशिल्पियों का डेटाबेस तैयार होगा : सेलिब्रिटी को हस्तशिल्प का ब्रांड एंबेसडर बनाया जाएगा. प्रदेश की प्रमुख कलाओं का विशेषज्ञों से डॉक्यूमेंटेशन कराया जाएगा. साथ ही टेक्नोलॉजी अपग्रेडेशन, निर्यात बढ़ाने और रोजगार के लिए हैंडीक्राफ्ट डिजाइन सेंटर बनेगा. रीको हैंडीक्राफ्ट पार्क भी विकसित किया जाएगा. जयपुर में हस्तशिल्प म्यूजियम बनाया जाएगा. डिजाइन एवं क्राफ्ट सेंटर बनाने के लिए निजी निवेश को प्रोत्साहन दिया जाएगा. सीएसआर फंड का उपयोग भी हस्तशिल्प विकास के लिए किया जा सकेगा.