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बेनीवाल का नाम लिए बिना किसान यूनियन अध्यक्ष ने किया यह बड़ा कटाक्ष, बयान मत दो, केंद्र से समर्थन वापस लो - सांसद हनुमान बेनीवाल पर किसान यूनियन का तंज

एक तरफ किसान दिल्ली बॉर्डर पर कृषि कानून के विरोध ( Farmer protest against agricultural law ) में डटे हुए हैं. वहीं दूसरी तरफ किसान आंदोलन को लेकर बयानबाजी तेज हो गई है. इसी क्रम में राजस्थान किसान यूनियन अध्यक्ष कृष्ण कुमार सहारण ने सांसद हनुमान बेनीवाल पर तंज करते हुए कहा कि सिर्फ बयान मत दो अपना समर्थन सरकार से लो.

Farmer protest, किसान आंदोलन
सांसद हनुमान बेनीवाल पर किसान यूनियन का तंज

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Published : Dec 2, 2020, 12:22 PM IST

जयपुर. केंद्रीय कृषि कानून को लेकर सियासत चरम पर है. किसान दिल्ली कूच कर रहे हैं तो वहीं राजनेता बयानों के जरिए केंद्र सरकार पर हमला बोल अपना सियासी फायदा ढूंढ रहे हैं. इस बीच राजस्थान किसान यूनियन अध्यक्ष कृष्ण कुमार सहारण ने RLP संयोजक और सांसद हनुमान बेनीवाल का नाम लिए बिना उन पर बड़ा तंज कसा है. सहारण ने कहा कृषि कानून के खिलाफ बयान और पत्र ही मत लिखो बल्कि अपना समर्थन भी केंद्र सरकार से वापस लो.

सांसद हनुमान बेनीवाल पर किसान यूनियन का तंज

कृष्ण कुमार सहारण ने एक बयान जारी कर कहा कि राजस्थान में जाति के नाम पर राजनीति करने वाले नेताओं ने दिल्ली में केंद्र सरकार का समर्थन किया, लेकिन राजस्थान में जब पंचायत के चुनाव आए ( Rajasthan Panchyat election 2020) तो यहां पब्लिक मीटिंग में बदलने लगे कि हम सरकार से अपना समर्थन वापस ले लेंगे. साथ ही वे पत्र लिखने लगे कि केंद्र सरकार को कि वो कानून वापस ले ले. सहारण ने कहा कि सिर्फ लोगों को गुमराह करने की बातों से फैसले नहीं हुआ करते बल्कि निर्णय करने से फैसले हुआ करते हैं.

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उन्होंने कहा कि समर्थन वापस लेना है तो ठोक कर के लेने की आवश्यकता है. इस तरीके से गुमराह करने की आवश्यकता नहीं है. सहारण ने कहा राजस्थान का किसान अब सब कुछ समझने लगा है. सहारण ने यह भी अपील की कि इस आंदोलन को मजबूत करने के लिए हम सब को मदद करना चाहिए, क्योंकि ये आंदोलन केवल किसानों का नहीं है बल्कि इस केंद्रीय कृषि बिल से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तरीके से की आम जनता भी इफेक्ट होगी.

वहीं सहारण ने कहा आज केंद्र के तीनों कृषि कानून के खिलाफ देशभर के किसान आंदोलन जारी है और सरकार किसानों को दिल्ली में आने से रोक रही है. सहारण के अनुसार सरकार को किसानों की पीड़ा सुनना चाहिए लेकिन केंद्र सरकार ने दिल्ली में ही किसानों के प्रवेश को रोक दिया ये लोकतंत्र की हत्या है.

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