जयपुर.राजस्थान में फोन टैपिंग प्रकरण को लेकर सियासत फिर से गरमा गई है. इस प्रकरण को लेकर एक बार फिर जुबानी जंग शुरू हो गई है. मामले में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और सीएम अशोक गहलोत के बीच तीखी बयानबाजी चल रही है. बता दें, शेखावत ने शनिवार को बयान दिया था कि मेरा टाइम आया तो प्रदेश के 5 आईएएस-आईपीएस अफसरों को जेल कराऊंगा. सीएम गहलोत ने रविवार को ट्वीट कर इसका जवाब दिया. गहलोत ने कहा कि अधिकारियों को गिरफ्तारी की धमकी देना शेखावत की बौखलाहट दिखा रहा है. अपनी छवि चमकाने के लिए पहले उन्होंने राजनीति से संन्यास का दावा कर दिया, फिर झूठ पकड़े जाने के कारण डैमेज कंट्रोल के लिए इस तरह की बातें कर रहे हैं.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट में लिखा कि गजेन्द्र सिंह शेखावत की ओर से राजस्थान के IAS-IPS अधिकारियों को गिरफ्तारी की धमकी देना उनकी बौखलाहट दिखा रहा है. अपनी छवि चमकाने के लिए पहले उन्होंने राजनीति से संन्यास का दावा कर दिया, लेकिन उनका झूठ पकड़ा जाने के कारण डैमेज कंट्रोल के लिए वो इस तरह की बातें कर रहे हैं. उन्हें यह नहीं भूलना चाहिए कि जनता के सामने उनका असली चेहरा पहले से ही बेनकाब हो चुका है, इसलिए अभी तक अपना वॉइस सैम्पल देने में भी आनाकानी कर रहे हैं.
शेखावत का पलटवार: इसके बाद केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने भी ट्वीट कर सीएम अशोक गहलोत पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि अशोक गहलोत के बयानों में मुझे जोधपुर में उनके पुत्र की हार की खीझ सुनाई देती है. वे आज तक जोधपुर लोकसभा सीट का परिणाम नहीं भूल पाए हैं, जिसमें जनता जनार्दन ने मोदीजी को प्रधानमंत्री बनाने के लिए मुझे आशीर्वाद दिया था. वे तब से मुझे अपना सबसे बड़ा शत्रु मान बैठे हैं, लेकिन मुझे उनसे सहानुभूति है. वे मुझे उकसाने के लिए न केवल सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग करते हैं बल्कि स्वयं भी अनर्गल वक्तव्य देते रहते हैं.
शेखावत ने कहा कि मैंने तो उन्हें चुनौती दी है, वे मोदीजी पर लगाए अपने निहायत मनगढ़ंत आरोप साबित करके बताएं, परंतु वे प्रमाण देने की बजाय मुख्य मुद्दे को बहस में उलझाना चाहते हैं. उनकी तरह उनकी राजनीति का तरीका अप्रासंगिक हो चुका है. उन्हें अब राजनीति से सन्यास ले लेना चाहिए, उनकी पार्टी के लोग भी यही चाहते हैं.