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दवाओं की कालाबाजारी पर चली औषधि नियंत्रण विभाग का 'चाबूक', 85 मेडिकल स्टोर्स के खिलाफ कार्रवाई

कोरोना काल में दवाओं की कालाबाजारी अपने चरम पर है. आपदा में अवसर तलाशने वाले इन मेडिकल स्टोर्स और अस्पतालों के खिलाफ औषधि नियंत्रण विभाग ने अभियान छेड़ दिया है. पिछले एक महीने में विभाग ने 85 मेडिकल स्टोर्स पर कार्रवाई की है, जो MRP से ज्यादा दाम पर दवाएं बेच रहे थे.

राजस्थान में दवाओं की कालाबाजारी, Rajasthan Drug Control Department
राजस्थान में दवाओं की कालाबाजारी

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Published : May 31, 2021, 9:27 PM IST

Updated : May 31, 2021, 10:42 PM IST

जयपुर. कोविड-19 संक्रमण के इलाज में काम आने वाली दवाओं को लेकर बीते एक महीने में काफी कालाबाजारी देखने को मिली है. आपदा में अवसर तलाशते हुए कुछ मेडिकल स्टोर्स, अस्पताल और दवा स्टॉकिस्ट ने मनमाने तरीके से दवाइयों और चिकित्सकीय उपकरणों के दाम वसूले हैं. अब औषधि नियंत्रण विभाग इनके खिलाफ रेमडेसिविर, पल्स ऑक्सीमीटर, ऑक्सीजन कंसंट्रेटर को बिना MRP और बिल के बेचने के मामले में कार्रवाई का अभियान छेड़ दिया है.

राजस्थान में दवाओं की कालाबाजारी पर कार्रवाई

बता दें, चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा के निर्देश के बाद कोविड-19 संक्रमण के दौरान दवाओं की कालाबाजारी पर निर्धारित मूल्य से अधिक राशि वसूलने पर लगाम लगाने के लिए एक टीम का गठन भी किया गया था. इस टीम ने बीते 1 महीने में 85 कार्रवाइयों को अंजाम दिया है. इसके अलावा रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी को रोकने के लिए अस्पतालों को निर्देश भी दिए गए, जिसके तहत इंजेक्शन पर संबंधित मरीज का नाम, आईपीडी नंबर और तिथि अंकित करके ही नर्सिंग स्टाफ को दिया जाए. साथ ही इंजेक्शन लगने के बाद इनके आउटर कार्टन समेत खाली वायल को अस्पताल में नियुक्त नोडल ऑफिसर से वेरिफिकेशन करके नष्ट करवाया जाए.

औषधि नियंत्रण विभाग ने की 85 कार्रवाई

औषधि नियंत्रक विभाग की ओर से कोविड-19 संक्रमण काल के दौरान 85 कार्रवाइयां की गईं, जिसके तहत 57 फार्मेसी और मेडिकल स्टोर को नोटिस जारी किया गया. इनमें से 40 फार्मेसी और मेडिकल स्टोर्स के लाइसेंस, 2 से 15 दिन तक के लिए सस्पेंड किए गए. वहीं, 2 के खिलाफ FIR भी दर्ज कराई गई, जबकि 11 फार्मेसी और मेडिकल स्टोर के खिलाफ कार्रवाई प्रक्रियाधीन है.

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जयपुर शहर में दवा की कालाबाजारी

जयपुर शहर में रेमडेसिविर दवा पर निर्धारित कीमत (2800 रु.) से ज्यादा दाम (5400 रु.)लेने पर औषधि नियंत्रक विभाग ने 11 मेडिकल स्टोर्स पर कार्रवाई की, जिसके तहत 5 से 15 दिनों के लिए लाइसेंस को रद्द किए गए. वहीं, बिना चिकित्सकीय परामर्श के और बिना बिल के दवाएं देने पर 7 मेडिकल स्टोर्स के लाइसेंस 3 से 21 दिनों के लिए निलंबित किए गए. इसके अलावा औषधि नियंत्रक विभाग ने फिल्म कॉलोनी में भी कार्रवाई की, जहां से 47 पल्स ऑक्सीमीटर, 150 वेपराइजर, 3000 सर्जिकल कैप, 4100 थ्री प्लाई मास्क और 180, N95 मास्क जब्त किए. बताया जा रहा है कि इन सभी उत्पादों को बिना MRP और बिना निर्माता फर्म के मनमाने तरीके से बेचा जा रहा था.

चौमूं कस्बे में दो बड़े अस्पतालों पर कार्रवाई

चौमू कस्बे में दो बड़े अस्पतालों पर कार्रवाई की गई. बताया जा रहा है कि अस्पतालों मे शेड्यूल H1 की औषधियों के रिकार्ड संधारित नहीं पाए गए, इसके अलावा ऑक्सीटोसिन दवा के विक्रय में अनियमितताएं पाई गईं साथ ही कोविड-19 संबंधित दवाओं के विक्रय में भी भारी अनियमितताएं मिलीं. इस दौरान दोनों अस्पतालों पर औषधि और प्रसाधन सामग्री अधिनियम के तहत कार्रवाई की गई.

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झटवाड़ा में विभाग की कार्रवाई

उधर, झोटवाड़ा क्षेत्र में औषधि नियंत्रण विभाग ने बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया. इस दौरान बिना MRP के 5300 पल्स ऑक्सीमीटर, 147 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, 46 इंफ्रारेड थर्मामीटर जब्त किए गए. इनकी कीमत तकरीबन 1 करोड़ रुपए बताई जा रही है.

इसके साथ ही औषधि नियंत्रण विभाग ने मुरलीपुरा और विद्याधर नगर क्षेत्र में कार्रवाई की, जहां बिना रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट के दवाई बिक रही थी. इसके अलावा दोनों ही फर्मों पर विक्रय बिल भी तय फॉर्मेट में उपलब्ध नहीं थे. विभाग ने प्रताप नगर सांगानेर और हरमाड़ा क्षेत्र में तीन अस्पतालों पर कार्रवाई की, जहां दवाइयों के फिजिकल स्टॉक और कंप्यूटर स्टॉक में गड़बड़ियां पाई गईं.

Last Updated : May 31, 2021, 10:42 PM IST

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