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COVID-19 : रिकॉर्ड 62 मौतें और 14 हजार 622 मामले, जानें कितने खाली बचे हैं ऑक्सीजन बेड, ICU और वेंटिलेटर्स - राजस्थान में ऑक्सीजन बेड

राजस्थान में कोरोना संक्रमण के मामले रोज रिकॉर्ड तोड़ रहे हैं. बीते दिन अकेले जयपुर में जहां 3 हजार संक्रमित मिले वहीं प्रदेश में यह आंकड़ा 15 हजार के करीब पहुंच गया. साथ ही रिकॉर्ड 62 मौतें भी दर्ज की गई हैं.

COVID19 cases in Rajasthan
COVID19 cases in Rajasthan

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Published : Apr 22, 2021, 8:35 AM IST

Updated : Apr 22, 2021, 1:04 PM IST

जयपुर. राजस्थान में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर चरम पर है. जिसके चलते बुधवार को प्रदेश में कोरोना के 14622 नए पॉजिटिव केस सामने आएं. वहीं, 3101 नए मामले सिर्फ जयपुर में दर्ज हुए है. वहीं दूसरे नंबर पर जोधपुर में 1523 पॉजिटिव केस सामने आए. बुधवार को 62 कोरोना संक्रमित की मौत हुई है.

प्रदेश में कोरोना मामले

राज्य के अन्य जिलों की बात करें तो अजमेर से 345, अलवर से 915, बांसवाड़ा से 201, बारां से 265, बाड़मेर से 199, भरतपुर से 115, भीलवाड़ा से 659, बीकानेर से 603, बूंदी से 81, चितौड़गढ़ से 214, चुरू से 428, दौसा से 272, धौलपुर से 179, डूंगरपुर से 301, गंगानगर से 114, हनुमानगढ़ से 199, जैसलमेर से 75, जालोर से 98, झालावाड़ से 203, झुंझुनू से 78, करौली से 108, कोटा से 1121, नागौर से 111, पाली से 171, प्रतापगढ़ से 52, राजसमंद से 273, सवाईमाधोपुर से 402, सीकर से 380, सिरोही से 601, टोंक से 134 और उदयपुर में 1101 नए कोरोना पॉजिटिव केस दर्ज हुए. बुधवार तक 3330 मौत का आंकड़ा पहुंच गया है. वहीं राजस्थान में कुल 7967086 सैंपल लिए गए. जिसमें से अब तक कुल पॉजिटिव की संख्या 453407 पहुंच चुकी है. अब प्रदेश में कुल 96366 केस एक्टिव है.

जोधपुर में सर्वाधिक मौतें

राजस्थान में सर्वाधिक मौतें जोधपुर में 18 दर्ज हुई हैं. उदयपुर में 8, जयपुर और कोटा में 5, बीकानेर और झालावाड़ में 3, बाड़मेर और चित्तौड़गढ़ में 2-2 मौतें दर्ज की गई हैं. वहीं अजमेर, अलवर, बांसवाड़ा, भरतपुर, चूरू, डूंगरपुर, गंगानगर, जालोर, झुंझुनू, नागौर, पाली, राजसमंद, सवाई माधोपुर, सीकर और टोंक में 1-1 मौत दर्ज की गई है.

राजस्थान में टीकाकरण की स्थिति

राजस्थान में कोरोना वैक्सीनेशन की स्थित

  • बीते दिन कुल 1 लाख 73 हजार 735 का हुआ वैक्सीनेशन
  • 97344 ने लगवाई पहली डोज, 76391 को लगी दूसरी डोज
  • अब तक कुल 1 करोड़ 17 लाख 29 हजार 303 का हो चुका है वैक्सीनेशन

प्रदेश में ऑक्सीजन बेड, आईसीयू और वेंटिलेटर्स की स्थिति

  • प्रदेश में कुल बेड की संख्या करीब 10543
  • करीब 8430 कुल मरीज ऑक्सीजन बेड पर भर्ती
  • प्रदेश में आईसीयू ऑक्सीजन बेड की संख्या 2432
  • 727 मरीज आईसीयू बेड पर भर्ती
  • प्रदेश में 1749 कुल वेंटीलेटर की संख्या
  • प्रदेश में 290 संक्रमित मरीज वेंटिलेटर पर भर्ती
राजस्थान में कितने खाली हैं आईसीयू और वैंटिलेटर्स

ऑक्सीजन सिलेंडर और रेमडेसिवीर की कालाबाजारी

कोटा जिले के रामगंजमंडी में पुलिस ने गस्त के दौरान ऑक्सीजन सिलेंडरों की कालाबाजारी करते दो लोगों को गिरफ्तार किया. रामगंजमंडी निवासी दो युवक 35 ऑक्सीजन सिलेंडर से भरी पिकअप झालावाड़ ले जाते पुलिस ने गिरफ्तार किया है. वहीं उदयपुर में रेमडेसिवीर इंजेक्शन की कालाबाजारी के खिलाफ पुलिस ने की बड़ी कार्रवाई कर ₹35 हजार रुपए में इंजेक्शन बेच रहे दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है. जयपुर में भी ऐसी ही कार्रवाई की गई जिसमें एक रेमडेसिवीर इंजेक्शन 50 हजार से अधिक रुपए में बेचा जा रहा था, उसके भी नकली होने की आशंका पुलिस ने जताई है.

जेल तक पहुंचा कोरोना का खौफ

सतर्कता बरतने के बावजूद कोरोना सलाखों तक पहुंच चुका है. राज्य सरकार की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार बाड़मेर जेल में 6 कैदी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं, जिनको आइसोलेट किया गया है. वहीं जोधपुर जेल में भी कोरोना के 10 कैदी संक्रमित पाए गए हैं. ऐहतियात के तौर पर पॉजिटिव कैदियों को आइसोलेट किया गया है.

अब प्राइवेट हॉस्पिटल में संक्रमित मरीजों को आसानी से मिलेगा बेड

जयपुर में करीब 3 आईएएस और 22 आरएएस अधिकारियों को नोडल अधिकारी बनाया गया है और उनके अधिकार क्षेत्र में 45 प्राइवेट अस्पताल है। राजधानी के सरकारी और निजी अस्पतालों में कितने बैड उपलब्ध हैं, इनमें ऑक्सीजन सपोर्टेड कितने और आईसीयू में कितने बैड हैं इसकी जानकारी अब तुरंत मिल जाएगी. इसके लिए कोविड 19 लाइव डैशबोर्ड को तैयार किया जा रहा है जिस पर विभिन्न अस्पतालों से प्राप्त सूचना के आधार पर बैड से संबंधित डाटा अपलोड किया जाएगा.

डूंगरपुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में ऑटोमैटिक ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट शुरू

डूंगरपुर मेडिकल कॉलेज में कोरोनाकाल की शुरुआत के समय पिछले साल ऑटोमैटिक ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट के लिए राज्य सरकार की ओर से 70 लाख रुपये का बजट दिया गया था, लेकिन मेडिकल कॉलेज अस्पताल प्रशासन की लापरवाही के चलते 1 साल तक यह प्लांट शुरू नहीं हो सका और ऑक्सीजन के लिए मरीज सिलेंडर पर ही निर्भर थे.

ईटीवी भारत की खबर के बाद मेडिकल कॉलेज प्रशासन भी हरकत में आया और ऑक्सीजन प्लांट लगाने वाली कंपनी के टेक्नीशियन के माध्यम से खामियों को दूर करते हुए प्लांट शुरू कर दिया. इससे अब कोविड अस्पताल में एक साथ 100 बेड़ पर एक साथ ऑक्सीजन मिल सकेगी. खास बात यह है कि यह ऑटोमैटिक ऑक्सीजन प्लांट ऑक्सीजन जनरेट करता है और उसी को मरीजो को सप्लाई किया जाता है, जिससे बार-बार सिलेंडर लगाने या बदलने की जरूरत नहीं पड़ती है.

Last Updated : Apr 22, 2021, 1:04 PM IST

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