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सचिन पायलट ने जिस हाइब्रिड फॉर्मूले का किया था विरोध, उसका कांग्रेस ने पहली बार यहां किया इस्तेमाल - आसिफ खान

जब कांग्रेस पार्टी हाइब्रिड फॉर्मूले को लेकर आई थी तो उसका सबसे ज्यादा विरोध सचिन पायलट ने ही किया था. अब इसी फॉर्मूले हाइब्रिड फार्मूले का इस्तेमाल करते हुए कांग्रेस ने कुचामन सिटी में आसिफ खान को चेयरमैन पद के लिए प्रत्याशी बनाया है. कुचामन में हाइब्रिड फार्मूले का इस्तेमाल कांग्रेस को इसलिए करना पड़ा क्योंकि यहां उनके पास बहुमत नहीं है.

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निकाय चुनावों में हाइब्रिड फॉर्मूले का इस्तेमाल

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Published : Feb 3, 2021, 7:36 PM IST

Updated : Feb 3, 2021, 7:49 PM IST

जयपुर.किसी ऐसे प्रत्याशी को चेयरमैन, महापौर बनाने को लेकर कांग्रेस पार्टी ने प्रदेश में हाइब्रिड फॉर्मूला लागू किया था जो चुनाव जीतकर नहीं आया हो. इस हाइब्रिड फॉर्मूले का सबसे बड़ा विरोध कांग्रेस के तत्कालीन उपमुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष रहे सचिन पायलट ने यह कहते हुए किया था कि अगर चुने हुए प्रत्याशी की जगह बाहर से किसी नेता को हाइब्रिड फार्मूले के नाम पर मौका दिया जाता है तो यह सही नहीं है. तमाम विवादों के बावजूद भी कांग्रेस सरकार ने हाइब्रिड फॉर्मूला लागू कर दिया था. लेकिन कांग्रेस ने इसका उपयोग पहली बार कुचामन सिटी नगर पालिका में किया है.

कुचामन सिटी नगर पालिका में हाइब्रिड फॉर्मूले का इस्तेमाल

कांग्रेस ने हाइब्रिड फार्मूले का इस्तेमाल करते हुए कुचामन सिटी में आसिफ खान को चेयरमैन पद के लिए प्रत्याशी बनाया है. अजमेर संभाग प्रभारी हरिमोहन शर्मा, जिला प्रभारी गजेंद्र सांखला की अनुमति से उप मुख्य सचेतक महेंद्र चौधरी ने यह फैसला लिया. हाइब्रिड फार्मूले के इस्तेमाल को लेकर अजमेर के संभाग प्रभारी हरिमोहन शर्मा ने कहा कि जब कानून विधिक रूप से बना है और इसमें प्रावधान है कि जरूरत पड़े तो इस कानून का इस्तेमाल किया जा सकता है. ऐसे में कांग्रेस पार्टी ने इस फार्मूले का इस्तेमाल किया है.

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सचिन पायलट के विरोध को लेकर उन्होंने कहा कि हर किसी को कानून के प्रति असहमति व्यक्त करने का अधिकार है और सचिन पायलट ने भी अपने उसी अधिकार का प्रयोग किया था. लेकिन कानून बनने के बाद वह सभी को मान्य होता है और जिसे पार्टी ने कैंडिडेट बनाया है वह योग्य है. कांग्रेस के नागौर जिले के प्रभारी सचिव गजेंद्र सांखला ने कहा कि कुचामन में हाइब्रिड फार्मूले का इस्तेमाल कांग्रेस को इसलिए करना पड़ा क्योंकि यहां उनके पास पूरा बहुमत नहीं है और जो लोग निर्दलीय जीत कर आए हैं, वह कांग्रेस ऑडियोलॉजी के हैं और उनकी भी यह इच्छा है कि अगर योग्य प्रत्याशी को कांग्रेस बाहर से खड़ा करती है तो वह उसे भी समर्थन देंगे.

सांखला ने कहा कि जिसे पार्टी ने अपने प्रत्याशी के तौर पर उतारा है वह कांग्रेस का मेंबर है और संगठन के लिए लंबे समय से काम कर रहा है. भले ही कांग्रेस के नेता हाइब्रिड फार्मूले को कानून संवत फैसला बता रहे हैं. लेकिन जिस तरीके से गजेंद्र सांखला ने कहा कि सदस्यों की संख्या पूरी नहीं होने के चलते परिस्थितिवश इस फार्मूले का उन्हें इस्तेमाल करना पड़ा है. ऐसे में साफ है कि निर्दलीय सदस्यों ने कांग्रेस को दबाव में लेकर उनसे हाइब्रिड फॉर्मूला इस्तेमाल करवाया है.

Last Updated : Feb 3, 2021, 7:49 PM IST

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