जयपुर. राजस्थान में गहलोत सरकार को बने हुए ढाई साल हो चुके हैं, लेकिन अब तक प्रदेश का कांग्रेस कार्यकर्ता खाली हाथ है. उधर अब एक बार फिर सचिन पायलट और उनके कैंप के विधायक नाराजगी दिखाना शुरू कर चुके हैं. ऐसे में राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा डैमेज कंट्रोल में जुट गए हैं और तय किया गया है कि जून महीने में राजनीतिक नियुक्तियां कर दी जाएंगी.
लेकिन राजनीतिक नियुक्तियों के लिए जो परफॉर्मा कांग्रेस पदाधिकारियों को भेजा गया था, उस परफॉर्मा में 10 जिला स्तरीय कमेटियों और पांच उपखंड स्तरीय कमेटियों में राजनीतिक नियुक्तियों के लिए नाम मांगे गए थे. पदाधिकारियों ने नाम प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा को दे भी दिए हैं, लेकिन यह नाम जब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के सामने पहुंचे हैं तो उनके सामने एक नई समस्या आ खड़ी हुई है. वह समस्या यह है कि अगर यह नियुक्तियां डोटासरा कर देते हैं तो फिर कांग्रेस पार्टी में फिर से कार्यकर्ताओं में आक्रोश बढ़ने का खतरा हो जाएगा.
इसका कारण है कि जिन 10 जिला स्तरीय कमेटियों में हर जिले में 38 राजनीतिक नियुक्तियां दी जानी हैं, उन 38 नियुक्तियों में से केवल दो नियुक्तियां ही ऐसी होंगी, जिनमें कांग्रेस कार्यकर्ता एडजस्ट होगा तो वहीं हर उपखंड में जो 19 नियुक्तियां होनी हैं और उनमें एक भी ऐसा प्रतिनिधि नहीं होगा जो चुना हुआ प्रतिनिधि नहीं होगा. ऐसे में अगर यह नियुक्तियां कर भी दी जाती हैं तो उससे कांग्रेस कार्यकर्ता का कोई भला होने वाला नहीं है. ढाई साल से नियुक्तियों की बाट जोह रहा कांग्रेस कार्यकर्ता इन नियुक्तियों के बाद भी खाली हाथ ही रहने वाला है. आपको बताते हैं कि किन कमेटियों में कितने पदाधिकारी शामिल होंगे...
जिला स्तरीय कमेटियां जिनमें केवल चुने हुए और पहले से पदों पर बैठे प्रतिनिधि पाएंगे नियुक्तियां :
- जन अभाव अभियोग निराकरण समिति - इसमें जिले के दो प्रधान नियुक्त होंगे
- जिला स्तरीय समन्वय समिति - इसमें 1 क्रय-विक्रय सहकारी समिति के अध्यक्ष के साथ ही एक जिला परिषद प्रतिनिधि मनोनीत होगा
- जिला स्तरीय समीक्षा एवं संचालन समिति - इसमें तीन पंचायत समिति के सदस्यों, दो स्थानीय निकायों के पार्षदों और तीन जिला स्तरीय सदस्यों को नियुक्ति दी जाएगी
- जिला लोक शिक्षा समिति - इसमें जिले के पंचायत समिति में 4 प्रधान, जिनमें दो महिला प्रधान होंगी और चयनित ग्राम पंचायत के 4 सरपंच जिनमें 2 महिला सरपंच शामिल होंगी
- प्रधानमंत्री के नए 15 सूत्री कार्यक्रम हेतु जिला स्तरीय समिति - इसमें स्वायत्तशासी जिला परिषदों, पंचायती राज संस्थाओं के 3 प्रतिनिधियों को मनोनीत किया जाएगा
- जिला महिला सहायता समिति - इसमें एक जिला परिषद की महिला सदस्य और एक महिला पार्षद को नियुक्ति दी जाएगी
- जिला क्रीड़ा परिषद समिति - इसमें दो प्रधान राज्य सरकार द्वारा मनोनीत किए जाएंगे
- 20 सूत्री कार्यक्रम आयोजन क्रियान्वयन एवं समन्वय समिति - इस समिति में 3 पंचायत समिति के प्रधान का मनोनयन किया जाएगा
केवल दो जिला स्तरीय समितियां जहां किसान के तौर पर कांग्रेस कार्यकर्ता होगा शामिल :
- जिला स्तरीय जल वितरण समिति इसमें 3 चयनित सरपंच के साथ ही एक कृषक को राजनीतिक नियुक्ति मिलेगी जो संभव है कांग्रेस कार्यकर्ता होगा
- संभाग स्तरीय जल वितरण समिति - इस समिति में भी सरपंचों के साथ ही एक कृषक के तौर पर कांग्रेस के प्रतिनिधि का मनोनयन किया जाएगा
- ऐसे में प्रदेश में 10 जिला स्तरीय समितियों में केवल दो ऐसे पद हैं जिसमें एक-एक प्रतिनिधि ऐसा होगा जो चुना हुआ प्रतिनिधि नहीं होगा.
पांच उपखंड स्तरीय समितियों में सभी चुने हुए प्रतिनिधियों को ही मिलेगा मौका :
- उपखंड स्तरीय सतर्कता समिति - इसमें पंचायत समिति के दो पंचायत समिति सदस्य और स्थानीय निकायों के दो पार्षद मनोनीत किए जाएंगे
- उपखंड स्तरीय वन अधिकारी समिति - इसमें दो पंचायत समिति के सदस्य मनोनीत किए जाएंगे
- उपखंड स्तरीय समीक्षा एवं संचालन समिति - इसमें ग्राम पंचायत के तीन वार्ड प्रतिनिधि का मनोनयन किया जाएगा
- पेय जल प्रदूषण की रोकथाम हेतु समिति - इसमें स्थानीय निकायों के 2 सदस्यों और पंचायत समिति के 2 सदस्यों का मनोनयन किया जाएगा
- उपखंड स्तरीय जल वितरण समिति - इसमें संबंधित पंचायत समिति के प्रधान का मनोनयन होगा
ऐसे में कुल 10 जिला स्तरीय और पांच उपखंड स्तरीय कमेटियों में राजनीतिक नियुक्तियां देने की तैयारी चल रही है. लेकिन हर जिले में होने वाली 38 नियुक्तियों में से केवल 2 नियुक्तियां ही कृषक के नाम पर हैं. ऐसे कांग्रेस कार्यकर्ताओं को नियुक्ति मिलेगी जो चुने हुए प्रतिनिधि नहीं हैं.
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