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राजस्थान कांग्रेस में गर्माहट, हेमाराम चौधरी के बाद मदन प्रजापत ने भी लगाए ये आरोप - मुख्यमंत्री अशोक गहलोत

राजस्थान कांग्रेस में बगावत की सुगबुगाहट एक बार फिर से हवा पकड़ रही है. मंगलवार को वरिष्ठ नेता और गुड़ामालानी से विधायक हेमाराम चौधरी के इस्तीफे के बाद चाकसू विधायक वेद प्रकाश सोलंकी ने भी सरकारी कामकाज के तौर-तरीकों पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में सवाल खड़े किए थे. इन दोनों नेताओं के पायलट गुट के होने का आरोप लगने के बाद अब नए चेहरे के रूप में मदन प्रजापति की नाराजगी यह साफ तौर पर संकेत दे रही है कि राजस्थान कांग्रेस की सियासत में फिलहाल सब ठीक बताने वाली तस्वीर धुंधली पड़ने लगी है.

कांग्रेस विधायक मदन प्रजापत, Rajasthan Politics
कांग्रेस विधायक मदन प्रजापत

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Published : May 19, 2021, 8:25 PM IST

जयपुर.राजस्थान कांग्रेस के भीतर असंतोष की लहर लगातार बढ़ती जा रही है. इसका नतीजा यह है कि वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री हेमाराम चौधरी के विधायक पद से इस्तीफा देने के बाद अब बाड़मेर जिले से एक और विधायक ने मुखर होकर अपना विरोध जाहिर किया है. पचपदरा से विधायक मदन प्रजापत ने आरोप लगाया कि मौजूदा दौर में कांग्रेस के विधायक जनप्रतिनिधि होने के बावजूद अफसरों के आगे लाचार हैं. उन्होंने कहा कि किसी भी काम के लिए जो स्थिति बन रही उसमें अब प्रदेश नेतृत्व को दखल देना चाहिए.

हेमाराम चौधरी के बाद मदन प्रजापत ने भी लगाए ये आरोप

हावी अफसरशाही

कांग्रेस विधायक मदन प्रजापति ने आरोप लगाया कि बाड़मेर जिले में कलेक्टर और एसपी से लेकर अन्य अफसर भी मंत्री के दबाव में काम कर रहे हैं, जिसके कारण अन्य जनप्रतिनिधियों के काम अटके हुए हैं. उन्होंने राजस्व मंत्री हरीश चौधरी पर आरोप लगाते हुए कहा कि जिले में सिर्फ मंत्री की ही सुनवाई हो रही है और अब इस मसले पर प्रदेश नेतृत्व को दखल देना चाहिए. मदन प्रजापत ने ईटीवी भारत को बताया कि कोरोना महामारी का प्रकोप अगर इस दौर में नहीं होता, तो वह अपने समर्थकों के साथ जयपुर आकर आलाकमान तक बात पहुंचा देते. मदन प्रजापति ने कहा कि कंट्रोल किसी एक का नहीं होना चाहिए जिस तरह से मनमानी चल रही है, उस पर अंकुश लगाने की जरूरत है और उन्हें उम्मीद है कि मुख्यमंत्री इस दिशा में उनकी फरियाद को जरूर सुनेंगे.

राजस्थान कांग्रेस में गर्माहट

सांभरा अस्पताल और कमलेश प्रजापति एनकाउंटर की टीस

विधायक मदन प्रजापति ने यह आरोप लगाया कि जिले के एक मंत्री ने खुद के राजनीतिक फायदे के लिए सांभरा में रातों-रात अस्पताल बनाने के नाम पर वाहवाही लूट ली, जबकि हकीकत यह है कि आबादी क्षेत्र से दूर बने इस अस्पताल का फायदा आम जनता को नहीं होने वाला है. उन्होंने कहा कि लवणीय प्रतिबंधित क्षेत्र में अस्पताल बनाना उनकी समझ से परे है.

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इसी तरह से बीते दिनों विवादों में रहे चर्चित कमलेश प्रजापति एनकाउंटर मामले में भी उन्होंने अफसरशाही और सरकारी कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए और कहा कि यह साफ तौर पर हत्या है. इस सिलसिले में जारी हुए वीडियो में भी यह साफ होता है. इस मसले की सीबीआई जांच की मांग उन्होंने की और कहा कि वे खुद मुख्यमंत्री से इस मसले पर बात करेंगे. वहीं, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा की भूमिका को लेकर जब उनसे सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि वे मुख्यमंत्री से संवाद करेंगे और डोटासरा से उन्हें कोई शिकायत नहीं है.

यह साफ है कि इन दिनों राजस्थान कांग्रेस में बगावत की सुगबुगाहट एक बार फिर से हवा पकड़ रही है. मंगलवार को वरिष्ठ नेता और गुड़ामालानी से विधायक हेमाराम चौधरी के इस्तीफे के बाद चाकसू विधायक वेद प्रकाश सोलंकी ने भी सरकारी कामकाज के तौर-तरीकों पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में सवाल खड़े किए थे. इन दोनों नेताओं के पायलट गुट के होने का आरोप लगने के बाद अब नए चेहरे के रूप में मदन प्रजापति की नाराजगी यह साफ तौर पर संकेत दे रही है कि राजस्थान कांग्रेस की सियासत में फिलहाल सब ठीक बताने वाली तस्वीर धुंधली पड़ने लगी है.

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