जयपुर. किसानों के समर्थन में आज 15 जनवरी को कांग्रेस पार्टी ने जयपुर के सिविल लाइन फाटक पर सभा की और राजभवन का सांकेतिक घेराव किया. इस दौरान हालांकि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और प्रदेश प्रभारी अजय माकन इस कार्यक्रम में नहीं आए. मुख्यमंत्री के नहीं आने का कारण यह कहा जा रहा है कि सरकार के मुखिया होने के चलते वह राजभवन का घेराव नहीं कर सकते थे. हालांकि यह भी कहा जा रहा है कि इससे पहले जब सरकार संकट में थी तो वह खुद राजभवन का घेराव करने पहुंच गए थे.
हालांकि, उस समय जो आरोप लगे थे वही कारण थे कि आज मुख्यमंत्री ने राज्यपाल के घेराव के कार्यक्रम में नहीं जाने का निर्णय लिया है. आज हुए धरने में कांग्रेस के नेताओं ने एक से बढ़कर एक बयान दिए, जिनमें सबसे महत्वपूर्ण बयान यह रहे.
गोविंद डोटासरा : राजस्थान के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के नेतृत्व में आज का धरना और राजभवन घेराव कार्यक्रम हुआ. इसमें आमजन को संबोधित करते हुए डोटासरा ने कहा कि अगर राहुल गांधी आह्वान करेंगे तो राजस्थान के लाखों किसान दिल्ली का घेराव भी करेंगे और किसान विरोधी सरकार का तख्तापलट भी.
सचिन पायलट : इस कार्यक्रम में राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट भी पहुंचे तो उन्होंने भी किसानों के समर्थन में अपनी बात रखते हुए किसानों से आह्वान किया कि यह तीन कानून क्या चीज हैं, देश में महात्मा गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी के नेताओं के आह्वान पर 200 साल से राज कर रहे अंग्रेजों को बिना लाठी-गोली से भगा दिया तो यह तीन कानून क्या चीज है.
प्रताप सिंह खाचरियावास : मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि आज जो दिल्ली के बॉर्डर पर धरना चल रहा है, धरने में पंजाब का जो किसान बैठा है उसके लिए और हरियाणा, यूपी, राजस्थान के किसान के लिए भाजपा के लोग कह रहे हैं कि यह उग्रवादी हैं. यह खालिस्तानी हैं, यह टुकड़े-टुकड़े गैंग के सदस्य हैं. खाचरियावास ने कहा कि बीजेपी के लोग कान खोल कर सुन लें कि ना तो यह उग्रवादी हैं, ना यह खालिस्तानी हैं और ना ही यह टुकड़े-टुकड़े गैंग के सदस्य हैं.