जयपुर.राजस्थान में लगातार बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के चलते प्रदेश सरकार ने शनिवार और रविवार को लॉकडाउन घोषित किया है. इस आदेश का असर प्रदेश कांग्रेस कार्यालय पर भी दिखाई दिया. 3 सीटों पर उपचुनाव में मतदान होने के बावजूद प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय के ताले नहीं खोले गए. दरअसल कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने बयानों में साफ कहा था कि कोरोना में राजनेताओं की भी भूमिका है और वैसे भी राजस्थान में कांग्रेस की सरकार है. ऐसे में सत्ताधारी दल कांग्रेस अगर अपनी ही सरकार के कानूनों का उल्लंघन करे तो उस पर सवाल उठना लाजमी होगा.
उपचुनाव होने के बाद भी नहीं खुले प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय के ताले, शनिवार-रविवार को लॉकडाउन का किया पालन - Lockdown followed on Saturday and Sunday
राजस्थान सरकार ने शनिवार और रविवार को लॉकडाउन घोषित किया है. ऐसे सरकार की ओर से जारी गाइडलाइन की पालना करते हुए तीन सीटों पर उपचुनाव होने के बाद भी प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय को बंद रखा गया.
यही कारण रहा कि भले ही आज 3 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव चल रहा हो लेकिन कांग्रेस पार्टी के संगठन के कार्यालय को शनिवार को पूरी तरीके से बंद रखा गया. हालांकि कांग्रेस पार्टी की ओर से इन 3 विधानसभा उपचुनाव के लिए कंट्रोल रूम भी राजस्थान कांग्रेस मुख्यालय में बनाया गया था लेकिन लॉकडाउन के चलते अब कंट्रोल रूम की जिम्मेदारी निभा रहे नेताओं को घर से ही चुनाव की मॉनिटरिंग करने को कहा गया है. साफ है कि जहां सत्ताधारी दल होने के कुछ फायदे होते हैं तो कुछ नुकसान भी हैं. ऐसे में सरकार के नियमों की पालना करना भी सत्ताधारी दल की जिम्मेदारी ज्यादा होती है.
यही कारण था कि जहां राजस्थान भाजपा मुख्यालय में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सतीश पूनिया प्रेस कॉन्फ्रेंस करते दिखाई दिए और चुनावी वॉर रूम का अवलोकन भी किया, लेकिन दूसरी ओर सत्ता में होने के चलते और अपनी ही सरकार और राष्ट्रीय अध्यक्ष के आदेशों के चलते प्रदेश कांग्रेस कार्यालय के ताले शनिवार को नहीं खोले गए. ताकि प्रदेश की जनता में भी यह मैसेज जाए कि सरकार के आदेशों को सत्ताधारी दल का संगठन पूरी तरीके से निर्वहन कर रहा है.