जयपुर. राजस्थान विधानसभा में बुधवार को फोन टैपिंग मामले में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी बहस हुई. बहस के दौरान दोनों ही पक्षों ने एक दूसरे के खिलाफ आक्रामक तरीका अपनाते हुए तीखे आरोप लगाए. भाजपा की ओर से नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया, उपनेता राजेन्द्र राठौड़ और बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने मोर्चा संभाला तो वहीं संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल ने सरकार की ओर से ना केवल जवाब दिया बल्कि इस दौरान केंद्र की पीएम मोदी सरकार और अमित शाह के साथ ही केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत पर जुबानी हमला बोला.
भाजपा ने उठाई फोन टैपिंग के सीबीआई जांच की मांग
फोन टैपिंग पर चर्चा के दौरान भाजपा विधायकों ने सरकार को घेरते हुए फोन टैपिंग को नियम विरुद्ध भी करार दिया और साथ ही इस मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग भी रखी. गुलाबचंद कटारिया, राजेंद्र राठौड़ और सतीश पूनिया ने मुख्यमंत्री कार्यालय से फोन सर्विलांस पर लेने और टैप कराने का आरोप भी लगाया. उप नेता राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि पूर्व में भी यह बात सामने आई है कि फोन टैपिंग की रिकॉर्डिंग को मुख्यमंत्री के ओएसडी लोकेश शर्मा की ओर से वायरल किया गया, जो बताता है कि इस षड्यंत्र में मुख्यमंत्री कार्यालय भी शामिल है. इस दौरान राठौड़ ने इस प्रकरण की जांच सीबीआई से कराने का प्रस्ताव भी सदन में रखा.
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मोदी सरकार ने 90 हजार कराए फोन टैप : शांति धारीवाल
सरकार की ओर से जवाब दे रहे मंत्री शांति धारीवाल ने अपने संबोधन के दौरान केंद्र की मोदी सरकार पर भी तीखा कटाक्ष किया. धारीवाल ने कहा कि मोदी सरकार ने 90 हजार फोन टैप करवाए और इस दौरान धारीवाल ने अपने हाथ में एक कागज भी लहराया कि ऐसे आरोप केंद्र सरकार पर हैं. हालांकि, धारीवाल की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम लेने के साथ ही सदन में हंगामा शुरू हो गया और नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया सहित सभी भाजपा विधायक वेल में आकर विरोध करने लगे. शोर शराबा बढ़ता देख स्पीकर सीपी जोशी ने सदन की कार्यवाही आधे घंटे के लिए स्थगित कर दी. हालांकि, आधे घंटे बाद जब वापस कार्रवाई शुरू हुई तो फिर सदन में हंगामा बरपा जिस पर दूसरी बार सदन की कार्यवाही आधे घंटे के लिए स्थगित करनी पड़ी. इसके बाद जब सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो स्पीकर सीपी जोशी की पहल पर सदन का यह गतिरोध टूटा और अनुदान मांगों पर बहस शुरू हो पाई.
धारीवाल ने कहा- फोन टैपिंग साबित करें तो हम सब दे देंगे इस्तीफा
बहस के दौरान सत्तापक्ष की ओर से अकेले अपने दम पर संसदीय कार्य मंत्री ने पूरा मोर्चा संभाला. संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल ने भाजपा विधायकों के आरोपों पर जवाब देते हुए कहा कि सरकार पर लगाए गए सभी आरोप निराधार हैं और यह भी कहा कि अगर सरकार की ओर से फोन टैप की सत्यता साबित हुई है तो मुख्यमंत्री ही नहीं, मैं और हम सभी इस्तीफा दे देंगे, लेकिन पहले यह साबित तो करें.