जयपुर. प्रदेश में 4 जुलाई को राज्यसभा की 4 सीटें खाली होने जा रही हैं. भाजपा की इन 4 में से कम से कम 2 सीट तो कांग्रेस बहुमत के आधार पर आसानी से अपने कब्जे में कर लेगी. अगर कांग्रेस में गुटबाजी ना हो और पायलट-गहलोत एकजुटता से काम करें, तो संभव है कि तीसरी सीट पर भी कांग्रेस काबिज हो जाए. लेकिन यहां सवाल यह खड़ा होता है कि क्या राज्यसभा चुनाव में गहलोत और पायलट एक होंगे? अगर एक हुए तो भी किन शर्तो पर. क्योंकि राजस्थान में चाहे आम जनमानस हो या राजनीतिक हल्का, हर कोई जानता है कि दोनों नेताओं में भले ही शांति काल चल रहा हैं, लेकिन यह केवल दिखावे का है. ये दिखावा भी कब तक चलेगा, इस बारे में कोई कुछ नहीं कह सकता.
गहलोत की नजर राजयसभा की 3 सीटों पर: राज्यसभा चुनाव से पहले यह माना जा रहा है कि पायलट को कांग्रेस कोई बड़ा पद देने जा रही है. हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि यह पद राजस्थान में होगा या फिर ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी में. हालांकि पायलट बार-बार राजस्थान में ही रहने की इच्छा जता चुके हैं, तो वहीं गहलोत चाहते हैं कि पायलट को राष्ट्रीय कांग्रेस में कोई पद देकर एडजस्ट कर दिया जाए, ताकि राज्य में राज्यसभा की 3 सीटों पर आसानी से कांग्रेस को जीत मिल सके. माना जा रहा है कि 13, 14, 15 मई को उदयपुर में होने वाले चिंतन शिविर में पायलट के भविष्य का फैसला भी हो सकता (Decision on Sachin Pilot expected in Congress Chintan Shivir) है.