जयपुर. कांग्रेस पार्टी का देशव्यापी सदस्यता अभियान चल रहा है. यह अभियान 31 मार्च तक चलेगा. राजस्थान में भी इस अभियान के तहत 31 मार्च तक 50 लाख से ज्यादा डिजिटल सदस्य बनाने का टारगेट (Digital Membership targets for Rajasthan Congress) है, लेकिन यहां अभियान तमाम प्रयासों के बावजूद सुस्त चाल से आगे बढ़ रहा है. डिजिटल सदस्यता अभियान की समाप्ति के अब 25 दिन बचे हैं, लेकिन प्रदेश कांग्रेस सदस्य बनाने में पिछड़ी हुई है.
हालात ये हैं कि 50 लाख सदस्य बनाने का दावा करने वाली राजस्थान कांग्रेस अब तक बमुश्किल 1 लाख सदस्यों तक ही पहुंची (Rajasthan Congress digital membership campaign status) है. 50 लाख नए सदस्य बनाने के लिए हर दिन करीब 2 लाख नए सदस्य बनाने होंगे. ऐसे में बड़ा सवाल यह खड़ा होता है कि अब तक एक लाख के आंकड़े पर पहुंचने वाली प्रदेश इकाई रोजाना 2 लाख नए सदस्य कैसे बना पाएगी.
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13 मार्च से मुख्यमंत्री खुद जुटेंगे सदस्यता अभियान में: राजस्थान में सदस्यता अभियान के सुस्त रहने के पीछे सबसे बड़ा कारण है मंत्रियों, विधायकों और बड़े नेताओं का इस अभियान में रुचि नहीं दिखाना. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और राजस्थान प्रदेश सदस्यता अभियान के प्रभारी संजय निरुपम अलग-अलग जिलों में दौरे कर सदस्यता अभियान को गति देने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन उनके इस अभियान को विधायकों, मंत्रियों और बड़े नेताओं का सहयोग नहीं मिल रहा है. यही कारण है कि प्रदेश सदस्यता अभियान में पिछड़ता जा रहा है.
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अगर अब भी मंत्री, विधायक और बड़े नेता संगठन सक्रिय नहीं हुए, तो प्रदेश में 50 लाख नए सदस्य बनाने का दावा पूरा नहीं पाएगा. यही वजह है कि अब खुद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सदस्यता अभियान में जुटेंगे. संगठन चुनाव के प्रभारी संजय निरुपम ने कहा कि 13 मार्च के बाद मुख्यमंत्री खुद सदस्यता अभियान में सहयोग करेंगे.
इसके साथ ही मंत्री और विधायक भी इस काम में जुट जाएंगे ताकि 50 लाख का आंकड़ा प्राप्त किया जा सके. अब राजस्थान में एनरोलर्स की संख्या भी बढ़ा दी गई है. अब जो भी व्यक्ति मेंबरशिप करवाने का इच्छुक होगा, उसे एनरोलर बनाकर डिजिटल सदस्यता अभियान से जुड़े ऐप का एक्सेस दिया जाएगा, ताकि ये एनरोलर ज्यादा से ज्यादा सदस्यता करवा सकें.
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डिजिटल सदस्यों के जरिए ही चुनें जाएंगे पदाधिकारी: इस डिजिटल सदस्यता अभियान के जरिए ही संगठन के पदाधिकारी चुने जाएंगे. चाहे ब्लॉक अध्यक्ष हों, जिला अध्यक्ष, पीसीसी सदस्य, एआईसीसी सदस्य हों या फिर राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव हो, यही सदस्य संगठन चुनाव का आधार बनेंगे और जो नेता ज्यादा से ज्यादा सदस्य बनवाएंगे. वहीं, पदाधिकारी बनने की दौड़ में सबसे आगे रहेंगे. इसके बावजूद भी कांग्रेस के नेता सदस्यता अभियान को लेकर रुचि नहीं दिखा रहे हैं. इसके चलते अब तक टारगेट का 2 प्रतिशत ही पूरा हो सका है.