जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि कृषि-बागवानी और पशुपालन सेक्टर राज्य की अर्थव्यवस्था की धुरी है. प्रदेश की करीब दो-तिहाई आबादी की आजीविका इस पर निर्भर करती है. इस क्षेत्र के महत्व को समझते हुए हमारी सरकार ने पहली बार अलग से कृषि बजट लाने जैसा ऐतिहासिक निर्णय किया है. जिसके माध्यम से प्रदेश के काश्तकारों और पशुपालकों की समृद्धि के साथ खुशहाली के लिए आवश्यक प्रावधान किए जाएंगे.
सीएम गहलोत मुख्यमंत्री निवास से (CM Gehlot Pre budget conversation) वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से किसानों, पशुपालकों, डेयरी संघों के पदाधिकारियों और जनजातीय क्षेत्र के प्रतिनिधियों के साथ बजट पूर्व संवाद किया. मुख्यमंत्री ने कहा कि किसान कल्याण सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है. इसके लिए हमने पिछले तीन वर्षों में मुख्यमंत्री किसान मित्र ऊर्जा योजना, कृषक कल्याण कोष के गठन, मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादक संबल योजना, ऋण माफी, सहकारी फसली ऋण ऑनलाइन पंजीयन एवं वितरण योजना जैसे कई महत्वपूर्ण निर्णय किए हैं.
यह भी पढ़ें- प्री बजट बैठक : मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दिया भरोसा...कोरोना से प्रभावित अर्थव्यवस्था को गति देगा प्रदेश का बजट
गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार खेती-किसानी के साथ-साथ पशुपालन को भी भरपूर बढ़ावा देने का इरादा रखती है. हमारा प्रयास रहेगा कि जिलों में अधिक से अधिक दुग्ध संकलन केन्द्र तथा चिलिंग सेन्टर खुलें. दुधारू पशुओं की उन्नत नस्लों के संवर्धन एवं संरक्षण के सार्थक प्रयास किए जाएं. जिससे कि दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में राजस्थान देश का अव्वल राज्य बने. उन्होंने कहा कि किसान राज्य सरकार की नीतियों का फायदा उठाकर अधिक से अधिक फूड प्रोसेसिंग यूनिट लगाएं. अपनी उपज का वैल्यू एडीशन करें और उन्हें निर्यात के लिए तैयार करें. इनसे उनकी आय बढ़ेगी और वे खुशहाल बनेंगे.
यह भी पढ़ें- CM गहलोत ने किया बजट पूर्व संवाद, कहा- सरकार कर्मचारियों के हित में सदैव तत्पर...कर्मचारी बोले वेतन कटौती बंद करे सरकार
कृषि क्षेत्र के लिए बनाएंगे अलग से बिजली कम्पनीःमुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में पानी की कमी और गिरते भूजल स्तर को देखते हुए राज्य सरकार बूंद-बूंद और फव्वारा सिंचाई पद्धति को बढ़ावा दे रही है. किसान इनका अधिकाधिक उपयोग कर जल संरक्षण में अपनी सहभागिता निभाएं. उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास रहेगा कि कृषि क्षेत्र के लिए अलग से बिजली कंपनी बने. गहलोत ने कहा कि सिंचाई के लिए रात-रात भर जागने से किसानों को होने वाली तकलीफ का एहसास सरकार को है
अब 15 जिलों में किसानों को दिन में बिजली उपलब्ध होने लगी है. हमारा प्रयास है कि ट्रांसमिशन सिस्टम विकसित कर बिजली की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित कर मार्च 2023 से पूर्व प्रदेश के सभी जिलों में किसानों को दिन में बिजली दी जाए. प्रदेश के विभिन्न जिलों के किसानों ने बैठक में आगामी कृषि बजट को लेकर महत्वपूर्ण सुझाव दिए.