जयपुर. प्रदेश भर में लॉकडाउन में 'नो स्कूल नो फीस' के मुद्दे को लेकर लगातार अभिभावकों का प्रदर्शन देखने को मिला है. यह मामला अब लगातार बढ़ता ही जा रहा है. नो स्कूल नो फीस के मुद्दे पर सोमवार को प्रदेश भर में बंद का आह्वान किया गया है. वहीं, 350 से ज्यादा व्यापारिक और सामाजिक संगठनों ने इस बंद का समर्थन भी किया है.
प्रदेश भर में रविवार को अभिभावकों ने बंद को लेकर 50 हजार पर्चे भी बांटे हैं. सोमवार को प्रदेश भर में संयुक्त अभिभावक समिति के बैनर तले बंद का आह्वान किया गया है. जिसमें सुबह 9 बजे से दोपहर 1 बजे तक बंद रखने की अपील की गई है.
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लॉकडाउन के कारण काम धंधे ठप होने और अभिभावकों के नौकरी पर नहीं जाने से उनकी आर्थिक स्थिति खराब हो रही है और यह आर्थिक स्थिति अनलॉक-3 तक ठीक नहीं हो पाई है. लॉकडाउन के दौरान प्रदेशभर के स्कूल भी बंद रहे, इसके बावजूद भी निजी स्कूल संचालक अभिभावकों पर दबाव डालकर फीस मांग रहे हैं.
अभिभावकों का कहना है कि उनकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है, इसलिए वे बच्चों की फीस नहीं दे पा रहे हैं. अभिभावक फीस माफी या फीस में रियायत की मांग कर रहे हैं. सरकार के कहने के बावजूद भी निजी स्कूल संचालक अभिभावकों पर फीस देने के लिए दबाव बना रहे हैं. इसी का विरोध करने के लिए अभिभावकों ने संयुक्त अभिभावक समिति के बैनर तले सोमवार को राजस्थान बंद का आह्वान किया है.
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संयुक्त अभिभावक समिति के बैनर तले अभिभावक पिछले 4 महीनों से लगातार 'नो स्कूल नो फीस' की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं. प्रदेश के जनप्रतिनिधियों, व्यापारियों, दुकानदारों सामाजिक संगठनों ने भी अपना पूर्ण समर्थन राजस्थान बंद को दिया है.
मीडिया प्रभारी अभिषेक जैन बिट्टू ने बताया कि रविवार को बंद के समर्थन के लिए जयपुर सहित जोधपुर, भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़, अजमेर, किशनगढ़, फतेहपुर, शेखावाटी, झालवाड़ और बगरू सहित अन्य जिलों में अभिभावकों के अलग-अलग समूह ने दुकानों पर जाकर दुकानदारों से बंद के लिए समर्थन मांगा. इस दौरान 50 हजार से अधिक पर्चे बांटे गए. वहीं, जोहरी बाजार स्थित जामा मस्जिद के इमाम ने भी सोमवार को बंद में शामिल होने की घोषणा की.