जयपुर. राजस्थान में कोरोना संकट के बीच हालात को लेकर ईटीवी भारत ने चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा से खास बातचीत की. इस दौरान रघु शर्मा ने रामगंज, मॉडिफाइड लॉकडाउन और कोरोना वॉरियर्स की सुरक्षा के मसले पर विस्तार से जानकारी दी. रघु शर्मा ने बताया कि सरकार राजस्थान में रैपिड किट के जरिए हो रही जांच की विश्वसनीयता पर जांच कर रही है. उन्होंने महामारी के इस संक्रमण के जांच की नई व्यवस्था को बदले जाने के संकेत भी दिए हैं.
रैपिड टेस्ट हो सकता है वापस
2 दिन पहले राजस्थान में लागू रैपिड टेस्ट के जरिए कोरोना जांच के सवाल पर चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने बताया कि सरकार इस किट की रिपोर्ट को फाइनल नहीं मानती है. यह सिर्फ गंभीर मरीजों की पहचान का एक जरिया भर है. ऐसे में RT-PCR प्रणाली के जरिए होने वाली जांचों को ही सरकार प्रमाणिक मानती है.
इस दौरान उन्होंने इस बात को भी स्वीकार किया कि सरकार रैपिड किट से जांच के फैसले का रिव्यू कर रही है. अगर नतीजे प्रभावी नहीं होते हैं तो जानकारों की सलाह पर सरकार जल्द इन किट्स को लौटा देगी. गौरतलब है कि राजस्थान को केंद्र सरकार से 50 हजार रैपिड किट मिले हैं. वहीं प्रदेश सरकार ने भी करीब 8 लाख किट्स का निर्यात करने का आदेश दिया है.
रामगंज की तस्वीर अभी साफ नहीं
चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में रामगंज को लेकर अपना अनुभव शेयर किया. उन्होंने कहा कि भीलवाड़ा मॉडल के आधार पर रामगंज का आकलन नहीं किया जा सकता है. यहां एक हवेली में 5-6 परिवार के बीच बड़ी संख्या में लोग रहते हैं. ऐसे में सोशल डिस्टेंसिंग का फार्मूला यहां कामयाब नहीं हो सकता है.
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रघु शर्मा ने बताया कि ऐसे हालात में रामगंज की मैपिंग के बाद सरकार ने जनसंख्या को आधार मानते हुए रैंडम आधार पर सैंपल लिए हैं. अब इन 630 सैंपल में से जो नतीजे आएंगे उसके आधार पर रामगंज को लेकर अगली रणनीति बनाई जाएगी.