जयपुर. राजस्थान में एक ओर हर किसी की नजर मंत्रिमंडल विस्तार और पुनर्गठन पर है, तो दूसरी ओर राजस्थान में कांग्रेस के उन मंत्रियों और विधायकों पर भी चर्चा हो रही है जो लगातार विवादों में रहे हैं. गहलोत कैबिनेट के 6 मंत्री ऐसे हैं, जिनका विवादों से पुराना साथ रहा है. भले यह विवाद मंत्रियों की कुर्सी पर ज्यादा भारी न पड़े, लेकिन जब मंत्रिमंडल का पुनर्गठन होगा उस समय इन विवादों पर भी चर्चा जरूर होगी. ऐसे में यह विवाद मंत्रिमंडल विस्तार के समय मंत्रियों की सांसें ऊपर-नीचे जरूर रखेंगे.
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ये मंत्री रहे हैं पिछले कुछ समय से लगातार विवादों में...
गोविंद सिंह डोटासरा: कभी शिक्षक संगठनों के घर आने पर नाथी का बाड़ा कहकर बुलाने से हुआ विवाद हो या फिर बेरोजगार युवाओं से बहस हो या फिर हाल ही में हुआ RAS इंटरव्यू में विवाद का मामला. डोटासरा एक शिक्षा मंत्री के तौर पर कई विवादों में रहे हैं. हालांकि, डोटासरा खुद ही 'एक पद एक व्यक्ति' सिद्धांत के चलते मंत्री पद छोड़ रहे हैं, लेकिन शिक्षा मंत्री के तौर पर विवादों और डोटासरा का साथ चोली-दामन का रहा है.
सुखराम बिश्नोई: मंत्री सुखराम बिश्नोई की गैर विवादित छवि अब धीरे-धीरे विवादित मंत्री की छवि में तब्दील होने लगी है. जहां सुखराम बिश्नोई के बेटे पहले उस सरकार के विरोध में धरने पर बैठ गए, जिनमें उनके पिता मंत्री हैं तो वहीं सुखराम बिश्नोई के बेटे का नाम जब एक अपहरण के मामले में सामने आया तो फिर एक बार सुखराम बिश्नोई विवादों में आ गए. हालांकि, सुखराम बिश्नोई इन विवादों पर यही कहते नजर आते हैं कि उन्हें फंसाने के लिए राजनीतिक तौर पर यह षड्यंत्र किया जा रहा है.
हरीश चौधरी: प्रदेश के राजस्व मंत्री हरीश चौधरी का अपने क्षेत्र बाड़मेर-जैसलमेर में वर्चस्व को लेकर तो अब तक हेमाराम चौधरी और मंत्री सालेह मोहम्मद से 2-4 रहती थी, लेकिन अब तक ये सब एक शीतयुद्ध के तौर पर अंदरखाने में चल रहा था. लेकिन जब से कमलेश प्रजापत एनकाउंटर हुआ है, उसके बाद से बाड़मेर से आने वाले विधायक मदन प्रजापत समेत अन्य विधायक भी हरीश चौधरी के खिलाफ लामबंद हो गए हैं. यहां तक कि इस मामले की जांच सीबीआई को भी सौंपी जा चुकी है. ऐसे में हरीश चौधरी भी अब एक विवादित मंत्रियों में शामिल हो गए हैं.
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अशोक चांदना: खेल मंत्री अशोक चांदना का भी विवादों से हमेशा साथ रहा है. कभी उनका वीडियो टोल नाके पर विवाद करते हुए वायरल हुआ, तो कभी उनका विवाद क्षेत्र के बिजली कर्मचारी से हुआ. ये विवाद तो इतना बढ़ा कि प्रदेश के एक जाति विशेष के लोगों और बिजली विभाग के कर्मचारियों ने चांदना का जमकर विरोध किया. इसके बाद पंचायती राज चुनावों में भी एक प्रत्याशी को किए फोन का ऑडियो वायरल हुआ, जिसपर भी जमकर विवाद हुआ था.
प्रमोद जैन भाया: खान मंत्री प्रमोद जैन भाया अवैध खनन के मामले में अपनी ही पार्टी के वरिष्ठ विधायक भरत सिंह के निशाने पर हैं. भरत सिंह प्रमोद जैन भया पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए कई पत्र मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को भी लिखे हैं. ऐसे में प्रमोद जैन भाया भी विवादों में रहे हैं.
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शांति कुमार धारीवाल: प्रदेश के यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल को विधानसभा में सरकार के लिए ट्रबल शूटर माना जाता है. लेकिन यह ट्रबल शूटर कई बार अपनी ही पार्टी के विधायकों और मंत्रियों के सामने बड़ी परेशानी बन जाते हैं. चाहे प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के साथ भरी कैबिनेट में विवाद होना हो या जयपुर के प्रभारी मंत्री होने के बावजूद एक भी बैठक नहीं लेने का मामला हो या फिर नगर निकाय चुनाव में टिकट वितरण मामले में विवाद हो. शांति धारीवाल कई बार विवादों को लेकर सुर्खियों में रहे हैं.