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उपचुनाव का रण : भाजपा इन दावेदारों पर खेल सकती है दांव, धारियावद में खेला जा सकता है सहानुभूति कार्ड...

प्रदेश में दो सीटों पर होने वाले विधानसभा उपचुनाव की तैयारियों में जुटी भाजपा इस बार प्रत्याशी चयन में सहानुभूति का कार्ड खेल सकती है. हालांकि, धरियावद और वल्लभनगर सीट पर भाजपा के लिए दावेदारों की लंबी फेहरिस्त है, लेकिन स्थानीय फीडबैक के आधार पर दोनों ही सीटों पर दो से तीन प्रमुख दावेदार सामने आए हैं. धारियावद में भाजपा सहानुभूति कार्ड खेल सकती है.

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उपचुनाव के रण में भाजपा कांग्रेस

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Published : Sep 29, 2021, 9:43 AM IST

जयपुर. धरियावद सीट पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा के कब्जे में थी. यहां से बीजेपी के गौतम लाल मीणा चुनाव जीतकर विधायक बने थे, लेकिन पिछले दिनों उनके स्वर्गवास के बाद यह सीट खाली हुई. अब उपचुनाव में इस सीट पर टिकट के लिए भाजपा के कई दावेदार सामने आए हैं, लेकिन इसमें सबसे प्रमुख दिवंगत विधायक गौतम लाल मीणा के पुत्र कन्हैया मीणा का नाम है.

कन्हैया मीणा पूर्व में प्रधान भी रह चुके हैं, वहीं वर्तमान में इनकी पत्नी प्रधान हैं. पार्टी के स्तर पर कन्हैया मीणा के नाम पर चर्चा है. संभवता राजसमंद उपचुनाव की तरह पार्टी यहां भी दिवंगत विधायक के परिजन को टिकट देकर सहानुभूति कार्ड खेल सकती है. इसके अलावा पूर्व सरपंच और भाजपा एसटी मोर्चा के मौजूदा जिलाध्यक्ष खेतसिंह का नाम भी यहां प्रमुख दावेदारों में शामिल है. इस सीट से भाजपा नेता देवेंद्र मीणा का नाम भी प्रमुख दावेदारों में शामिल है. देवेंद्र मीणा उदयपुर के पूर्व जिला प्रमुख वंदना मीणा के परिवार से हैं.

वल्लभनगर सीट पर भाजपा में इन दावेदारों के नाम पर चर्चा...

बात करें वल्लभनगर विधानसभा सीट की तो यहां कांग्रेस, बीजेपी और जनता सेना के बीच ट्रायंगल मुकाबला रहता है. भाजपा के टिकट के प्रमुख दावेदारों में पूर्व प्रत्याशी रहे उदयलाल डांगी का नाम प्रमुखता से चल रहा है. उदय लाल डांगी पिछले विधानसभा चुनाव में तीसरी पोजीशन पर रहे थे.

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इसी तरह उदयपुर में भाजपा के पूर्व जिला उपाध्यक्ष रहे आकाश वागरेचा और बीजेपी किसान मोर्चा उदयपुर देहात के पूर्व जिला अध्यक्ष धनराज अहिर का नाम भी इस सीट पर प्रमुख दावेदारों में शामिल है. हालांकि, पूर्व विधायक रणधीर सिंह भींडर की पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुंधरा राजे से पिछले दिनों हुई मुलाकातों के बाद यह भी संभावना बनी थी कि वे भाजपा में शामिल हो सकते हैं. लेकिन नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया व उनकी पुरानी अदावत के चलते इसकी संभावना कम ही है.

3 सीटों पर हुए उपचुनाव में सफल रहा था सहानुभूति कार्ड...

इससे पहले प्रदेश में सुजानगढ़, सहाड़ा और राजसमंद सीट पर उपचुनाव हुए थे और इन सीटों पर भाजपा और कांग्रेस दोनों ने सहानुभूति कार्ड खेलते हुए दिवंगत विधायकों के परिजनों को ही टिकट दिया था और जीत भी उन्हें ही मिली था. राजसमंद सीट पर भाजपा की दिवंगत विधायक किरण माहेश्वरी की पुत्री दीप्ति माहेश्वरी, सहाड़ा विधानसभा सीट पर कांग्रेस के दिवंगत विधायक कैलाश चंद्र त्रिवेदी की पत्नी गायत्री त्रिवेदी और सुजानगढ़ विधानसभा सीट पर दिवंगत कांग्रेस विधायक और पूर्व मंत्री भंवरलाल मेघवाल के पुत्र मनोज मेघवाल ने जीत क परचम लहाराया था. इससे अब माना जा रहा है कि धरियावद और वल्लभनगर सीट पर भी भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियां सहानुभूति कार्ड खेलते हुए दिवंगत विधायक के परिजनों को ही अपना प्रत्याशी बना सकती हैं.

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