जयपुर. राजस्थान का बजट 24 फरवरी को आने वाला है. इसके लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत हर वर्ग को राहत कैसे मिले, इसकी तैयारी में जुटे हुए हैं. सरकार में हिस्सेदारी रखने वाले मंत्री और विधायक भी राजनीति में जादूगर के नाम से जाने जाने वाले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के तीसरे बजट पर नजर गड़ाए हुए हैं. ऐसे में जयपुर शहर के चारों विधायक जिनमें मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास, मुख्य सचेतक महेश जोशी, विधायक अमीन कागजी और विधायक रफीक खान ने गहलोत सरकार के तीसरे बजट से खासी उम्मीदें जताई है.
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यह जादूगर का बजट है: खाचरियावास
बजट को लेकर मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास का कहना है कि केंद्र सरकार ने तो लोगों को अपने बजट में कुएं में भटकने का काम किया है, लेकिन हम ऐसा नहीं करेंगे और जनता को राहत देंगे. खाचरियावास ने कहा कि अशोक गहलोत तीसरी बार मुख्यमंत्री हैं, उनके इस तीसरे बजट को हर कोई देखेगा. उन्होंने कहा कि यह जादूगर का बजट है और उसी तरीके से आएगा जिसे पूरा देश देखेगा.
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खाचरियावास ने कहा कि पिछली बार भी लोगों ने देखा था कि जो पब्लिक रिलीफ की योजनाएं गहलोत सरकार लेकर आई, वह आइडियल मॉडल स्टेट है. उन्होंने कहा कि राजस्थान एक मॉडल स्टेट है, जहां दवा फ्री मिलती है, जांच फ्री मिलती है, 80 लाख लोगों को पेंशन मिलती है, करोड़ों को लोगों को गेहूं और दाल मिलती है. इसलिए बजट भी ऐसा आएगा जैसा कांग्रेस की गहलोत सरकार की सोच है. उन्होंने कहा कि गहलोत सरकार की नीयत और नीति स्पष्ट है और पब्लिक इंटरेस्ट सरकार की पहली प्राथमिकता है. इस बजट में किसान, मजदूर, कर्मचारी, व्यापारी सब खुश होंगे.
बजट लोगों को राहत देने वाला होगा: महेश जोशी
बजट को लेकर राजस्थान के मुख्य सचेतक महेश जोशी ने कहा कि केंद्र सरकार ने आम आदमी को अपने बजट में कुछ नहीं दिया, लेकिन मेरा विश्वास है कि जैसा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अब तक बजट देते रहे हैं और पिछले बजट में भी जो घोषणाएं थी वह शानदार और लोगों को राहत देने वाली थी. डीजल-पेट्रोल में भी अभी राज्य सरकार ने 2 फीसदी वैट घटाया है.
उन्होंने कहा कि परेशानी यह है कि पेट्रोलियम उत्पाद पर एक्साइज टैक्स लगता है. उसका शेयर हर स्टेट को मिलता है, लेकिन जब कोई स्पेशल एक्साइज ड्यूटी या स्पेशल ड्यूटी लगती है या सेस लगता है तो उसका हिस्सा राज्यों को नहीं मिलता है. अब अगर केंद्र सरकार स्पेशल एक्साइज ड्यूटी, एडिशनल एक्साइज ड्यूटी और सेस की जगह एक्साइज ड्यूटी में ही इन टैक्सों को लगा दें तो राज्य सरकार पेट्रोल-डीजल में जनता को और राहत दे सकती है.