जयपुर. कोरोना संक्रमण भले ही फैले, लेकिन जो मान जाए वो नेता कैसा ? जयपुर में सोमवार को भाजपा की रणनीति से कुछ ऐसा लगा, क्योंकि यहां फिर से हस्ताक्षर अभियान चलाया गया और कोरोना गाइडलाइन की जमकर धज्जियां उड़ाई गईं. जानिए पूरा माजरा...
मालवीय नगर विधानसभा क्षेत्र के गौरव टावर के बाहर जन समर्थन प्राप्त करने के लिए (Jaipur City BJYM Campaign) जयपुर शहर भाजयुमो ने अभियान चलाया. जिसमें काफी संख्या में भाजपा से जुड़े कार्यकर्ता, पार्षद, जयपुर शहर के पदाधिकारी शामिल हुए. खास बात यह रही कि महिला मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष अलका मूंदड़ा, जयपुर शहर अध्यक्ष राघव शर्मा और उपमहापौर पुनीत कर्णावत की मौजूदगी में कार्यकर्ताओं की भीड़ भी जुटी और नारेबाजी भी की गई, लेकिन इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग की पालना किसी ने भी नहीं की. आलम यह रहा कि जयपुर शहर से जुड़े कुछ पदाधिकारी तो अपने मुंह से मास्क हटाकर ही भीड़ में नारेबाजी करते दिखे.
फिर चलाया भाजपा ने हस्ताक्षर अभियान... क्षेत्रीय भाजपा विधायक की रही अनुपस्थिति...
विरोध-प्रदर्शन और हस्ताक्षर अभियान का यह कार्यक्रम मालवीय नगर विधानसभा क्षेत्र में हुआ, लेकिन इसमें स्थानीय भाजपा विधायक कालीचरण सराफ और पूर्व राज्य महिला आयोग अध्यक्ष और भाजपा की वरिष्ठ नेत्री सुमन शर्मा नजर नहीं आईं. हालांकि, संगठनात्मक कार्यक्रमों से लंबे समय से इन नेताओं की दूरी सामने आ रही है, जिसके पीछे एक बड़ा कारण पार्टी के भीतर नेताओं के बीच चल रही आंतरिक खींचतान भी है. हालांकि जब इन बारे में विधायक कालीचरण सराफ और वरिष्ठ नेता सुमन शर्मा से बात की गई तो दोनों ने ही इस कार्यक्रम को लेकर अनभिज्ञता जताई और संगठन की ओर से इस कार्यक्रम की सूचना नहीं मिलने की बात भी कही.
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प्रदेश अध्यक्ष की सीख भी हवा में उड़ाई...
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया हर बार यह कहते हैं कि कोरोना प्रोटोकॉल की पालना करते हुए ही भाजपा के कार्यकर्ता अपना विरोध-प्रदर्शन करते हैं, लेकिन जिस प्रकार के विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं उसके बाद यह साफ हो गया है कि भाजपा के छोटे कार्यकर्ता और पदाधिकारी भी अपने बड़े नेता यानी प्रदेश अध्यक्ष के निर्देशों को हवा में उड़ाते हैं. खासतौर पर तब जब मामला धरना-प्रदर्शन का हो.
गांधी सर्किल पर दिया गया जयपुर शहर भाजपा नेताओं का धरना हो या फिर बड़ी चौपड़ पर हुए हस्ताक्षर अभियान का मामला उन कार्यक्रमों में भी कोरोना प्रोटोकॉल की जमकर धज्जियां भाजपा के इन्हीं नेता व कार्यकर्ताओं ने उड़ाई थी और अब गौरव टावर के बाहर भी ऐसा ही हुआ. खैर विपक्ष के नाते भाजपा के नेता और कार्यकर्ताओं ने अपना काम किया जिससे संगठन में तो उनके नंबर बढ़ ही जाएंगे लेकिन राजनीतिक दलों और उससे जुड़े नेताओं के भी इस महामारी के दौरान कुछ दायित्व भी हैं, जिसे निभाना इन कार्यकर्ता और नेताओं की जिम्मेदारी है.
पंजाब चुनाव तक जारी रहेगा विरोध-प्रदर्शन...
पंजाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में चूक का यह मामला (PM Security Breach Case) कुछ दिन पुराना है, लेकिन पंजाब विधानसभा चुनाव के चलते भाजपा इस मामले को लगातार उठाती रहेगी. बताया जा रहा है भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व द्वारा सभी प्रदेश इकाइयों को इस मामले में निर्देश जारी किए गए हैं, जिसके चलते ही लगातार भाजपा से जुड़े नेता व कार्यकर्ता अलग-अलग कार्यक्रमों के जरिए इस मामले को जिंदा रखे हुए हैं, ताकि पंजाब चुनाव में भी भाजपा को इसका सियासी फायदा मिल सके.