जयपुर.मिशन 2023 में जुटी राजस्थान भाजपा को और मजबूत करने के लिए पार्टी के केंद्रीय नेता अब हर महीने किसी न किसी संभाग में दौरा और प्रवास (Rajasthan BJP on Mission 2023) करेंगे. अगले पखवाड़े से यह सिलसिला शुरू हो जाएगा. पार्टी का पूरा फोकस इस समय पूर्वी राजस्थान पर है और खुद पार्टी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने भी अपना रुख भरतपुर संभाग पर कर लिया है.
केंद्र की 200 विधानसभा और 25 लोकसभा सीट पर नजरें- बताया जा रहा है कि पार्टी शीर्ष नेतृत्व की ओर से प्रदेश में आने वाले चुनाव से पहले संगठनात्मक मजबूती के साथ ही धरातल पर मजबूत पकड़ के लिए तेजी से काम करने के निर्देश दिए गए हैं. पार्टी आलाकमान ने यह काम केवल प्रदेश इकाई पर ही नहीं छोड़ा बल्कि स्वयं केंद्र से भी इसके लिए अलग-अलग संभागों में अब हर महीने बड़े नेताओं को भेजा जाएगा, जो यहां दौरा और प्रवास कर स्थानीय फीडबैक से पार्टी आलाकमान को अवगत कराएंगे. इसी फीडबैक के आधार पर 2023 के विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेश भाजपा में होने वाले आवश्यक बदलाव किये जाने की संभावना है.
पूनिया ने कही यह बड़ी बात पढ़ें- Politics in Rajasthan : नवंबर से सड़क पर दिखेगा सियासी संग्राम, भाजपा ने गहलोत सरकार को घेरने की बनाई ये रणनीति...
पढ़ें- कैसे पूरा होगा मिशन 2023: जयपुर में ही नहीं भाजपा एकजुट, केंद्रीय नेताओं के सामने इस तरह उजागर हुई फूट...
पढ़ें- भाजपा यात्रा पॉलिटिक्स: पूनिया के बाद अब राजे की आगामी यात्रा पर सबकी निगाहें...हाथ से फिसले पूर्वी राजस्थान पर पार्टी का फोकस..
संत आत्मदाह बनेगा सरकार की परेशानी का कारण- उधर, पूर्वी राजस्थान की तरफ भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने भी अपना रुख कर लिया है और फोकस भरतपुर संभाग पर है. वे यहां प्रवासी दौरे पर भी हैं. उनका कहना है कि पिछले विधानसभा चुनाव में भले ही यहां अपेक्षाकृत कम सीटें मिली हो लेकिन संगठनात्मक दृष्टि से यहां पार्टी मजबूत है और यहां काफी संभावनाएं भी है. उन्होंने कहा कि जिस प्रकार संत विजय दास ने सरकार की लचर कार्यशैली के चलते आत्मदाह की वह कांग्रेसी और प्रदेश सरकार के लिए परेशानी का सबब (Satish Poonia targets Congress) जरूर बनेगा.