जयपुर.प्रदेश भर में बर्ड फ्लू का कहर जारी है. एक के बाद एक कौओं की मौत की खबरें सामने आ रही है. झालावाड़ में सबसे पहले कौओं में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई थी. कौओं की मौत को लेकर वन विभाग और पशुपालन विभाग अलर्ट मोड़ पर है. झालावाड़ के बाद बारां, जयपुर, कोटा, पाली और जोधपुर में भी लगातार कौओं की मौत के मामले सामने आ रहे हैं. प्रदेश में मुर्गी पालन व्यवसाय की सुरक्षा को लेकर भी पशुपालन विभाग ने एतिहातन के तौर पर तैयारी की है. रविवार को पशुपालन विभाग के प्रमुख शासन सचिव कुंजीलाल मीणा ने आपात बैठक बुलाई थी. जिसमें प्रदेश में बर्ड फ्लू को लेकर सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए थे.
राजस्थान में बर्ड फ्लू का कहर जारी... 500 से ज्यादा कौओं की मौत...
विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, प्रदेश में अब तक 522 पक्षियों की मौत हो चुकी हैं. इनमें 471 कौवे, 24 कबूतर, 5 बगुले, 22 मोर और अन्य पक्षियों की मौत हुई है. प्रदेश में एवियन इनफ्लुएंजा को लेकर पशुपालन विभाग पूरी तरह से सतर्क है. प्रदेश में मुर्गी पालन से जुड़े लोगों को वर्तमान में सतर्क रहने के लिए सचेत किया जा रहा है. कौओं की मौत के बाद जांच के लिए सैंपल पशु रोग संस्थान भोपाल भेजे गए हैं. झालावाड़ में हुई कौओं की मौत में एवियन इनफ्लुएंजा की पुष्टि हुई है. पशुपालन विभाग प्रभावित क्षेत्रों में मृत पक्षियों के शवों का वैज्ञानिक रूप से निस्तारण करने में जुटा है. बीमार पक्षियों का उपचार किया जा रहा है. पशुपालन विभाग और वन विभाग की देखरेख में पूरा काम किया जा रहा है.
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कहां कितनी मौत...?
झालावाड़ में 118, कोटा में 92, बारां में 86, जयपुर में 51, अलवर में 1, कुचामन सिटी में 9, हनुमानगढ़ में 88, नागौर में 20, बीकानेर में 35, बांसवाड़ा में 7, दौसा में 6, जोधपुर में 8 और सीकर में 1 मौत हुई है. पशुपालन विभाग और वन विभाग के उच्च अधिकारियों ने दौरा कर स्थिति का मौका मुआयना किया गया है. फील्ड अधिकारियों को व्यापक इंतजाम करने के निर्देश दिए गए हैं. वन विभाग के चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन मोहन लाल मीणा ने बताया कि संक्रमण से निपटने के लिए वन विभाग और पशुपालन विभाग के कर्मचारियों के सहयोग से कार्य किया जा रहा है. इसके लिए विशेषज्ञ दल गठित किया गया है. कोटा, जोधपुर, भरतपुर, अजमेर संभाग समेत अन्य जगह पर विशेषज्ञ दल को भेजा गया है. विशेषज्ञ दल विशेष रूप से अजमेर और भरतपुर के केवलादेव उद्यान का दौरा कर स्थिति का जायजा लेंगे.
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राज्य स्तर पर नियंत्रण कक्ष स्थापित...
इसके साथ ही सांभर झील में प्रवासी पक्षियों की मृत्यु की निगरानी के लिए एक विशेषज्ञ दल सप्ताह में 1 दिन सांभर झील का दौरा करेगा. पशुपालन विभाग के निदेशक डॉ. वीरेंद्र सिंह ने बताया कि स्थिति पर नजर रखने के लिए पशुपालन विभाग ने राज्य स्तर पर नियंत्रण कक्ष स्थापित किए हैं, जिसका नंबर 0141-2374617 है. विभाग के स्तर से सभी जिलाधिकारियों स्वास्थ्य विभाग वन विभाग और संबंधित विभागों को त्वरित कार्रवाई के लिए निर्देशित किया गया है. इस संबंध में जिला कलेक्टर को भी सतर्कता बरतने के लिए निर्देशित किया जा रहा है. किसी भी आपात स्थिति के लिए कंट्रोल रूम में संपर्क किया जा सकता है.