जयपुर.लंपी वायरस को लेकर राजस्थान बंद के आह्वान का राजस्थान में मिला जुला असर नजर आया. जयपुर में जहां बंद का आह्वान सोशल मीडिया तक सीमित रहा. वहीं बीकानेर, प्रतापगढ़ के कछ जगह दुकानें बंद नजर आई. 2 दिन से सोशल मीडिया पर लगातार वायरल हो रहा 15 सितंबर को राजस्थान बंद का आह्वान गुरुवार को पूरी तरीके से फेल नजर आया. सामान्य दिनों की तरह ही बाजार निर्धारित समय पर खुले. व्यापारियों का कहना था कि इस तरह का मैसेज सिर्फ सोशल मीडिया पर था, इसको लेकर न कोई संगठन, न कोई राजनीतिक दल खुले रूप से सामने आया. इसलिए इस बंद को व्यापारियों का समर्थन नहीं मिला है.
दरअसल सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे राजस्थान बंद के मैसेज के बाद भी राजधानी जयपुर में इसका कोई असर नहीं (Rajasthan bandh 15 september) दिखा. एमआई रोड व्यापार मंडल के महामंत्री सुरेश सैनी ने बताया कि यह सही है कि पिछले 2 दिन से सोशल मीडिया के जरिए राजस्थान में गोवंश में फैली लंपी बीमारी से बचाने के लिए और उसके समर्थन में राजस्थान बंद करने का संदेश वायरल हो रहा है. हमारे पास भी यह संदेश आया. हमारे व्यापार मंडल के पदाधिकारियों ने उस पर चर्चा की, उसमें यह निकला कि इस बंद को लेकर किसी भी सामाजिक संगठन या राजनीतिक दल का समर्थन नहीं है. साथ ही न ही कोई व्यापारी वर्ग से जुड़े हुए किसी संगठन ने इसका समर्थन किया है. ऐसे में हमने सामान्य दिनों की तरह ही अपने प्रतिष्ठान नियमित समय पर खोले हैं.
उन्होंने कहा कि राजस्थान में जिस तरह से लंपी विकराल रूप ले चुकी है, हम भी चाहते है गोवंश को बचाया जाए. इसको लेकर (Rajasthan Bandh against lumpy Disease) व्यापार मंडल भी समर्थन करता है. लेकिन बंद का नहीं, गाय हमारी पूजनीय है , एक भी गाय की मौत नहीं हो इसके लेकर हमारी तरफ से जो भी मदद हो सकती है हम कर रहे हैं. एमआई रोड व्यापारी माधवदास और अशोक लालवानी ने कहा कि आज कोई व्यापारियों ने बंद का समर्थन नहीं किया है. किसी भी संगठन ने इसका आह्वान नहीं किया.
पढ़ें. सोशल मीडिया पर जोर पकड़ रहा राजस्थान बंद का आह्वान, जानें क्या है पूरा मामला
ये मैसेज हुआ था वायरलःसोशल मीडिया पर वायरल हुए मैसेज में लिखा था कि 15 सितंबर 2022 को राजस्थान बंद किया जाए. गौ माता के लिए लंपी रोग का इलाज नहीं होने के कारण सभी भाइयों से विनती है कि ज्यादा से ज्यादा संख्या में यह स्टेटस लगाएं, जिससे गौ माता के इलाज के लिए सरकार की तरफ से कोई ठोस कदम बढ़ाया जाए. एक स्टेटस गौ माता के नाम अति आवश्यक है.
सोशल मीडिया पर वायरल हुए इस मैसेज ने शासन और प्रशासन की भी नींद उड़ा दी थी. एक और सरकार पहले से ही लंपी बीमारी (Viral message of Rajasthan Bandh) को रोकथाम को लेकर लगातार मैराथन बैठकें कर रही है. वहीं पिछले 2 दिन में सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे 15 सितंबर को राजस्थान बंद के मैसेज ने सरकार की चिंता बढ़ा दी. हालांकि प्रशासन भी लगातार व्यापार मंडलों और ऐसे संगठन जो गौवंश को लेकर काम करते हैं, उनसे संपर्क बनाए हुए था.
इससे पहले भी एट्रोसिटी एक्ट को लेकर हुआ था बंदःऐसा नहीं है कि यह पहली बार है जब किसी सामाजिक संगठन या राजनीतिक दल के बगैर बंद का आह्वान हुआ हो. इससे पहले भी एट्रोसिटी एक्ट में हुए बदलाव के विरोध में सामान्य वर्ग की ओर से भारत बंद का आह्वान किया गया था. उस वक्त भी किसी भी सामाजिक संगठन ने भारत बंद के आह्वान की जिम्मेदारी नहीं ली थी. सिर्फ और सिर्फ सोशल मीडिया के जरिए भारत बंद हुआ था. इसी तरह से एक बार फिर सोशल मीडिया के जरिए ही राजस्थान बंद का आह्वान किया गया.
पढ़ें. ना कोई सामाजिक संगठन, ना कोई राजनीतिक दल...फिर चल पड़ा सोशल मीडिया पर राजस्थान बंद का संदेश