जयपुर. राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम और इसकी सहयोगी कंपनी ने 31 मार्च को समाप्त हुए वित्तीय वर्ष में कर पूर्व 65 करोड़ रुपए का लाभ अर्जित कर लाभदायकता का नया इतिहास रचा है. यह वर्ष 2019-20 की तुलना में दो गुणा और वर्ष 2020-21 की तुलना में 20 करोड़ रुपए से भी अधिक है.
नम्बर वन राजस्थान: एसीएस एनर्जी डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि हाल ही समाप्त हुआ वित्तीय वर्ष अक्षय ऊर्जा निगम के लिए उपलब्धियों का वर्ष रहा है. उन्होंने बताया कि हाल ही में किए गए एमओयू और एलओयू समझौतों से राजस्थान अब देश के सबसे बड़े सोलर हब के रूप में विकसित होने जा (Rajasthan becoming solar hub in the country) रहा है. प्रदेश में इंवेस्ट राजस्थान के तहत किए गए एमओयू, एलओआई में से 8 लाख करोड़ से अधिक के एमओयू, एलओआई केवल ऊर्जा क्षेत्र में ही हस्ताक्षरित हुए हैं.
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उन्होंने बताया कि अब राजस्थान 10 गीगावाट सौर ऊर्जा क्षमता विकसित करने वाला देश का पहला प्रदेश बन गया है. केन्द्र सरकार के नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार देश में 49,346 मेगावाट सौर ऊर्जा क्षमता विकसित में राजस्थान 10,506 मेगावाट सौर ऊर्जा क्षमता विकसित कर समूचे देश में शीर्ष पर आ गया है. केन्द्र की ओर से जारी रिपोर्ट के अनुसार 7,534 मेगावाट क्षमता के साथ कर्नाटक दूसरे और 6,309 मेगावाट क्षमता के साथ गुजरात तीसरे स्थान पर है.
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3000 मेगावाट क्षमता से अधिक विकसित: डॉ. अग्रवाल ने बताया कि हाल ही समाप्त हुए वित्तीय वर्ष में 3000 मेगावाट से अधिक क्षमता विकसित की जा चुकी हैं. जबकि पिछले तीन सालों में प्रदेश में 6,552 मेगावाट क्षमता विकसित हुई. उन्होंने बताया कि रुफटॉप में भी राजस्थान तेजी से आगे बढ़ रहा है. 10,506 मेगावाट सौर ऊर्जा क्षमता में 9,542 मेगावाट क्षमता ग्राउण्ड माउंटेड, 668 मेगावाट रुफटॉप और 296 मेगावाट सौर ऊर्जा ऑफग्रीड क्षेत्र में विकसित की गई है. एसीएस ने बताया कि राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम और इसकी सहयोगी कंपनी ने वित्तीय वर्ष 2021-22 के दौरान आरंभिक सूचनाओं के अनुसार कर पूर्व 65 करोड़ रुपए का लाभ रहा है. वहीं इससे पहले के साल में 45 करोड़ 15 लाख रुपए व 2019-20 में 31 करोड़ 52 लाख रुपए रहा था. उन्होंने अक्षय ऊर्जा निगम की इस उपलब्धि के लिए अधिकारियों और कार्मिकों को बधाई दी.