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Exclusive: राजस्थान ACB ने बदला 'स्टाइल', नतीजा- 8 महीने में ट्रैपिंग का 'तिहरा शतक'

राजस्थान में रिश्वतखोरों को गिरफ्तार करने के लिए और रिश्वत पर लगाम लगाने के लिए एसीबी ने ताबड़तोड़ कार्रवाई की है. आमजन का भी राजस्थान एसीबी के प्रति विश्वास काफी बढ़ा है. जिसके चलते एसीबी मुख्यालय को विभिन्न माध्यमों से भ्रष्ट कर्मचारियों और अधिकारियों की सूचना प्राप्त हो रही है. देखिये ये रिपोर्ट...

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राजस्थान एसीबी की कार्रवाई

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Published : Sep 12, 2021, 12:55 PM IST

Updated : Sep 12, 2021, 1:19 PM IST

जयपुर.राजस्थान में भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने वाली और रिश्वत की मांग करने वाले भ्रष्ट कर्मचारियों व अधिकारियों पर लगातार राजस्थान एसीबी कार्रवाई कर रही है. वर्ष 2021 में जनवरी से लेकर जुलाई महीने तक राजस्थान एसीबी 262 भ्रष्ट कर्मचारियों और अधिकारियों को ट्रैप कर चुकी है. इसके साथ ही भ्रष्टाचार के 291 मामले दर्ज किए जा चुके हैं, जिसमें 12 प्रकरण आय से अधिक संपत्ति के और 17 प्रकरण पद के दुरुपयोग के शामिल हैं.

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वहीं, वर्ष 2021 में जुलाई माह तक 266 परिवादों और 29 प्राथमिक जांचों का निस्तारण किया जा चुका है. भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग के साथ ही राजस्थान एसीबी ने आम जन का विश्वास हासिल किया है. आमजन ने भी राजस्थान एसीबी के प्रति अपना विश्वास दिखाते हुए भ्रष्टाचार की अनेक शिकायतें और सूचनाएं राजस्थान एसीबी तक पहुंचाई है. आमजन से प्राप्त हुई शिकायतों और सूचनाओं के आधार पर ही राजस्थान एसीबी ने अनेक बड़ी कार्रवाइयों को अंजाम दिया है.

राजस्थान एसीबी की कार्रवाई

लोगों तक पहुंचने के लिए हेल्पलाइन का किया प्रचार-प्रसार

राजस्थान एसीबी के मुखिया डीजी बीएल सोनी ने ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान बताया कि राजस्थान एसीबी की टीम ने आमजन तक अपनी पहुंच बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण काम किया. जिसके तहत प्रदेश के सभी शहर, कस्बे, गांव और गलियों में लोगों तक अपनी पहुंच बनाने के लिए एसीबी की हेल्पलाइन 1064 और व्हाट्सएप हेल्पलाइन का प्रचार प्रसार किया, जिसके काफी सकारात्मक परिणाम देखने को मिल रहे हैं.

अब गांव व दूरदराज के इलाकों से लोग एसीबी की हेल्पलाइन पर फोन कर भ्रष्टाचार की शिकायत कर रहे हैं. पहले केवल कुछ ही विभागों में एसीबी ट्रैप की कार्रवाई को अंजाम देती थी, लेकिन अब पूरे राजस्थान में प्रत्येक विभाग और प्रत्येक क्षेत्र में एसीबी भ्रष्टाचार फैलाने वाले लोगों पर प्रहार कर रही है. पहले जो कार्रवाई का स्तर था उसमें निचले और मध्यम स्तर के कर्मचारी या अधिकारी ही पकड़े जाते थे, लेकिन अब एसीबी की कार्रवाई का स्तर काफी बढ़ा है.

सोनी ने बताया कि अब भ्रष्टाचार करने वाले उच्च स्तरीय अधिकारियों पर भी नकेल कसी जा रही है. इसके साथ ही राजस्थान एसीबी की प्रोएक्टिव कार्रवाई के चलते रिश्वत देने वाले और रिश्वत लेने वाले अधिकारियों को भी दबोचा गया है. इसके साथ ही एसीबी को कुछ ऐसे वीडियो भी प्राप्त हुए, जिसमें रिश्वत की मांग की जा रही थी. जिसपर रिश्वत के लेनदेन की पुष्टि होने पर कार्रवाई करते हुए रिश्वत की मांग करने वाले लोगों को भी दबोचा गया है.

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इसके साथ ही राजस्थान एसीबी की इंटेलिजेंस विंग के इनपुट पर अनेक विभागों के अधिकारियों के विरुद्ध आय से अधिक संपत्ति के प्रकरण भी दर्ज किए गए हैं. इसके साथ ही केंद्र सरकार के 2 दर्जन से अधिक वरिष्ठ अधिकारियों को भी एसीबी ने रिश्वत राशि लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है.

परिवादी की शिकायत को ध्यान से सुन जायज काम भी करवाती है एसीबी

एसीबी एडीजी दिनेश एमएन ने ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान बताया कि पूरे प्रदेश में एसीबी की जितनी भी यूनिट है, वह पूरी लगन के साथ भ्रष्टाचार के खिलाफ काम कर रही है. जो भी परिवादी शिकायत लेकर एसीबी टीम के पास आता है उसकी शिकायत को पूरे ध्यान से सुना जाता है और भारत सरकार के आदेश के अनुसार परिवादी के जायज काम को भी पूरा करवाया जाता है.

पूर्व में देखा जाता था कि परिवादी जब किसी विभाग के भ्रष्ट कर्मचारी या अधिकारी को ट्रैप करवाता था तो ट्रैप के बाद भी उस विभाग द्वारा परिवादी के जायज काम को नहीं किया जाता था और काफी परेशान किया जाता था. लेकिन अब ऐसा नहीं होता और एसीबी की टीम संबंधित विभाग के अधिकारियों से कोर्डिनेट कर परिवादी के जायज काम को जल्द से जल्द पूरा करवाती है.

एडीजी दिनेश एमएन ने बताया कि पिछले वर्ष एक परिवादी अपनी शिकायत लेकर आया था जिसके 3 करोड़ रुपए के बिल पेंडिंग थे. एसीबी टीम ने ट्रैप की कार्रवाई को अंजाम दिया और साथ ही 1 सप्ताह के अंदर परिवादी के पेंडिंग बिल भी क्लियर हो गए. इसी तरह से नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया के एक अधिकारी की तरफ से एक पेट्रोल पंप को एनओसी जारी करनी थी, जैसे ही एसीबी टीम ने रिश्वतखोर अधिकारी को ट्रैप किया उसके आधे घंटे के अंदर ही परिवादी को उसके पेट्रोल पंप की एनओसी जारी कर दी गई.

इसी प्रकार से बारां जिला कलेक्टर को ट्रैप करवाने वाली परिवादी का काम ही एसीबी टीम ने संबंधित विभाग से संपर्क कर पूरा करवाया. इस प्रकार से एसीबी लगातार परिवादी की शिकायत पर रिश्वतखोर अधिकारियों को दबोचने के साथ ही परिवादी के काम भी पूरा करवा रही है, जिसके चलते लोगों का विश्वास एसीबी के प्रति काफी गहरा हुआ है.

रिवाल्विंग फंड शुरू होने से परिवादी को होगी आसानी

एडीजी दिनेश एमएन ने बताया कि राजस्थान सरकार ने राजस्थान एसीबी में रिवाल्विंग फंड की शुरुआत को मंजूरी दी है और जल्द ही एसीबी में रिवाल्विंग फंड की सुविधा शुरू हो जाएगी. अब तक जो राशि परिवादी रिश्वत के रूप में वरिष्ठ कर्मचारी या अधिकारी को देता है और जिसे लेते हुए एसीबी टीम उस भ्रष्ट अधिकारी को रंगे हाथों गिरफ्तार करती है. वह राशि परिवादी को कोर्ट के जरिए वापस मिलती है जिसमें काफी लंबा समय लगता है. वहीं, सरकार से मंजूरी मिलने के बाद अब जल्द ही एसीबी में रिवाल्विंग फंड की शुरुआत हो जाएगी, जिससे परिवादी को उसकी राशि जल्द वापस मिल सकेगी और राशि वापस प्राप्त करने के लिए परिवादी को कोर्ट भी नहीं जाना पड़ेगा.

लोगों का एसीबी के प्रति विश्वास बढ़ा

एडीजी दिनेश एमएन ने बताया की राजस्थान में लगातार बड़े भ्रष्ट अधिकारी एसीबी के द्वारा ट्रैप किए जा रहे हैं. जिसके चलते आमजन का एसीबी के प्रति विश्वास पहले की तुलना में काफी बढ़ा है. जिसके चलते लगातार एसीबी को भ्रष्ट अधिकारियों और कर्मचारियों की शिकायतें प्राप्त हो रही है. वहीं, अगस्त महीने के अंत तक एसीबी वर्ष 2021 के अपने 300 ट्रैप भी पूरे कर लेगी. वर्ष 2021 के अब तक के 7 महीनों में राजस्थान एसीबी 1 आईएएस, 1 आईपीएस, 7 आरएएस और 4 आरपीएस अधिकारियों को भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार कर चुकी है.

इसके साथ ही केंद्र सरकार के बड़े अधिकारी जिसमें एक आईआरएस ऑफीसर, एक इंडियन टेलीकॉम सर्विसेज के ऑफिसर, एक इंडियन इंजीनियरिंग सर्विसेस के ऑफिसर, लेबर कमिश्नर और यूनिवर्सिटी के वीसी को भी रिश्वत राशि लेते हुए दबोचा गया है. इसके साथ ही प्रदेश के सिरोही, जालोर, बाड़मेर, भरतपुर, अलवर, बीकानेर और अजमेर सहित तमाम जिलों में एसीबी की टीम लगातार ट्रैप की कार्रवाई को अंजाम दे रही है.

Last Updated : Sep 12, 2021, 1:19 PM IST

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