जयपुर. राज्य के 20 जिलों के 90 नगरीय निकायों में गुरुवार को मतदाताओं ने उत्साह के साथ मतदान करते हुए प्रदेश भर के 9930 प्रत्याशियों का भाग्य ईवीएम में कैद कर दिया. प्रदेश के सभी जगहों पर मतदान के दौरान उत्साह का माहौल बना रहा. शाम 5 बजे तक 76.52 प्रतिशत मतदान हुआ. कुछ जिलों में फर्जी मतदान के आरोपों को लेकर भाजपा और कांग्रेस के कार्यकर्ताओं और स्थानीय नेताओं के बीच विवाद होने की भी सूचना मिली.
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सुबह सर्द माहौल में शुरू हुए मतदान में तेजी सूरज चढ़ने के साथ आती रही. सुबह जहां अधिकतर मतदान केंद्रों पर मतदाताओं की कतार काफी कम रही. वहीं, दोपहर तक सभी केंद्रों पर मतदान का पारा लगातार चढ़ता गया. 90 निकायों में कुल 3035 वार्डों में चुनाव हुए. इसके लिए 5253 मतदान केंद्र बनाए गए थे. चुनाव में 8328 ईवीएम का इस्तेमाल किया गया. प्रदेश के कई मतदान केंद्रों पर शाम 5 बजे के बाद जो लोग परिसर में रह गए, उन सभी ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया. मतदान पूरा होने के बाद ईवीएम को स्टोर रूम तक पहुंचाने और उसे जमा कराने का काम जारी रहा.
राजस्थान नगर निकाय चुनाव 2021 31 जनवरी को होगी मतगणना
निकाय चुनाव की मतगणना 31 जनवरी को होगी. मतगणना को लेकर प्रशासनिक स्तर पर सभी तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है. राज्य निर्वाचन आयोग के अधिकारी मतगणना की सुरक्षा व्यवस्था सहित हर पहलू पर नजर रखते हुए तैयारियों का जायजा ले रहे हैं.
फर्जी मतदान के आरोपों को लेकर हंगामा
मतदान के दौरान प्रदेश के कुछ जिलों में फर्जी मतदान के आरोपों को लेकर भाजपा और कांग्रेस के कार्यकर्ता आमने-सामने होते रहे. प्रतापगढ़, अजमेर, बूंदी, जालोर के सांचौर सहित कुछ स्थानों पर फर्जी मतदान के आरोपों को लेकर मामूली विवाद हुए. बूंदी में फर्जी मतदान के आरोपों के बीच कांग्रेस प्रत्याशी की ओर से भाजपा प्रत्याशी को थप्पड़ मारने की भी सूचना है. वहीं, अजमेर में एक निर्दलीय प्रत्याशी के पिटाई का भी वीडियो वायरल हुआ.
राजस्थान नगर निकाय चुनाव 2021 भाजपा-कांग्रेस मंथन में जुटी
मतदान के बाद भाजपा और कांग्रेस चुनाव परिणाम को लेकर मंथन में जुट गई हैं. पार्टी के आला नेता हर निकायों में हुए वोटिंग प्रतिशत के आधार पर हार-जीत का कयास लगा रहे हैं. बता दें कि दोनों ही पार्टियों के लिए ये चुनाव खासा महत्वपूर्ण है. कांग्रेस के सामने जहां पिछले निकाय चुनाव के परिणामों को दोहराने की चुनौती है. वहीं, भाजपा के सामने पिछली कमी को पूरा करने के साथ ही कांग्रेस से दो कदम आगे निकलने की चुनौती है.