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राजभवन ने तीसरी बार लौटाया सत्र बुलाने का प्रस्ताव, CM गहलोत ने बुलाई कैबिनेट की बैठक - Raj Bhavan returned the proposal

तीसरी बार विधानसभा सत्र बुलाने के प्रस्ताव को राजभवन ने सुझाव के साथ तीसरी बार वापस लौटा दिया है. जिसके बाद से प्रदेश में सरकार बनाम राजभवन की स्थिति बनी हुई है. ऐसे में एक बार फिर से गहलोत सरकार ने कैबिनेट की बैठक बुलाई है.

Raj Bhavan returned proposal third time, Fourth cabinet meeting
राजभवन ने वापस लौटाया तीसरा प्रस्ताव

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Published : Jul 29, 2020, 5:06 PM IST

जयपुर.राजस्थान की कैबिनेट ने एक के बाद एक तीसरी बार विधानसभा सत्र बुलाने का प्रस्ताव राजभवन को दिया. राजभवन ने भी सुझाव के साथ तीसरी बार सत्र बुलाने का प्रस्ताव लौटा दिया है. अब इस मामले पर सरकार और राजभवन में टकराव की स्थिति बनी हुई है. इस मामले में सरकार की ओर से बुधवार शाम को चौथी बार कैबिनेट की बैठक बुलाई गई है.

अशोक चांदना से बातचीत

राज्यपाल के विधानसभा सत्र बुलाने के प्रस्ताव को लौटाने के मामले पर बोलते हुए राजस्थान के खेल मंत्री अशोक चांदना ने कहा कि यह दुर्भाग्य की बात है कि आज से पहले देश के इतिहास में ऐसा कभी हुआ नहीं है कि इस तरीके से राजभवन कैबिनेट के प्रस्ताव को लौटा दे.

राज्यमंत्री सालेह मोहम्मद का बयान

चांदना ने कहा कि कैबिनेट का और सरकार का यह खुद का फैसला होता है कि वह कब सदन बुलाना चाहते हैं. विधानसभा अध्यक्ष यह तय करते हैं कि कौन से बिल आएंगे और किन में चर्चा होनी है. इन सब कामों के लिए विधानसभा में एक कमेटी बनी हुई है और उसमें यह फैसला होता है कि सदन में क्या चर्चा होगी.

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चांदना ने कहा कि गवर्नर महोदय का एक लंबा राजनीतिक सफर रहा है, उन्हें सोचना चाहिए कि आज वह क्यों तीन बार यह फाइल लौटा रहे हैं. उन्होंने कहा अब आगे का फैसला जो भी होगा वह मुख्यमंत्री अशोक गहलोत करेंगे. वहीं, बीएसपी से कांग्रेस में आए विधायकों को लेकर उन्होंने कहा कि यह मामला स्पीकर के पास है और अब कोर्ट में भी मामला चल रहा है. दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा.

'हम षड्यंत्र नहीं कहें तो क्या कहें'

कैबिनेट के विधानसभा सत्र बुलाने के प्रस्ताव को तीसरी बार लौटाने पर मंत्री सालेह मोहम्मद ने कहा कि राजस्थान में जिस प्रकार से लोकतंत्र और संविधान का चीरहरण हो रहा है. अगर तीसरी बार भी फाइल वापस आती है तो यह दुर्भाग्य की बात है. उन्होंने कहा कि हर कोई महामहिम की ओर देख रहा है कि वह लोकतंत्र और संविधान का बचाव करें.

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अगर इस तरीके से संविधान की सीट पर बैठे लोग ही संविधान की बात नहीं रखेंगे, तो कैसे काम चलेगा. कैबिनेट का अधिकार होता है कि स्पीकर और सरकार जो फैसला ले, उसका राजभवन अनुमोदन करें. उन्होंने कहा कि अब तक जो 4 सेशन हुए हैं पिछला सेशन 5 दिन में बुलाया था. उससे पहले वाला 7 दिन में और उससे पहले वाला 13 दिन में बुलाया गया था. यह कहीं नहीं लिखा गया है कि 21 दिन में ही सदन बुलाया जा सकता है. इसे हम षड्यंत्र ना कहें तो क्या कहें.

वहीं, बीएसपी के कांग्रेस में विलय को लेकर उन्होंने कहा की कोर्ट में जाने का अधिकार हर किसी को है, जो बीएसपी के साथी हमारे साथ हैं वह पूर्ण रूप से अब कांग्रेस परिवार का हिस्सा है और हमारे साथ रहेंगे. मंत्री सालेह मोहम्मद ने कहा जो लोग बगावत करके गए हैं उनमें से भी कईयों के मैसेज आ रहे हैं और कह रहे हैं कि उनसे गलती हुई है, वह वापस आना चाह रहे हैं. राजस्थान में सेशन क्यों नहीं आ रहा है जबकि अन्य राज्यों में सेशन का समय हो चुका है. उन्होंने कहा कि राजस्थान में केवल बहानेबाजी है.

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