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जोधपुर मंडल में सानू हमीरा रेल लाइन बनाने में धांधली का मामला, जयपुर से गई रेलवे की विजलेंस टीम

उत्तर पश्चिम रेलवे के जोधपुर मंडल के सानू हमीरा नई रेल लाइन में करीब 10 करोड़ रुपये की धांधली करने की बात सामने आई है. उद्घाटन के दिन ही घटिया निर्माण नजर आया तो रेलवे की विजिलेंस टीम ने मामले को गंभीरता से लेते हुए अपनी टीम भेज दी.

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जोधपुर मंडल में नई रेल लाइन बनाने में धांधली के मामले की जांच के लिए गई रेलवे की विजलेंस टीम

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Published : Sep 10, 2020, 6:34 PM IST

जयपुर.उत्तर पश्चिम रेलवे के जोधपुर मंडल के सानू हमीरा नई रेल लाइन बनाने में करीब 10 करोड़ रुपये की धांधली करने की बात सामने आई है. दरअसल, लाइमस्टोन के लदान के लिए ही बनाए गए प्लेटफार्म की लोडर चलते ही रेत और पत्थर के टुकड़े निकल कर बाहर आ गए. प्रोजेक्ट 350 करोड़ रुपये का था, जिसे रेलवे के ही निर्माण विभाग ने पूरा किया था.

जोधपुर मंडल में नई रेल लाइन बनाने में धांधली के मामले की जांच के लिए गई रेलवे की विजलेंस टीम

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उद्घाटन के दिन ही घटिया निर्माण नजर आया तो रेलवे की विजिलेंस टीम ने मामले की गंभीरता को लेते हुए अपनी टीम भेज दी है. रेलवे की विजिलेंस टीम ने बुधवार को मौके से निर्माण सामग्री के नमूने लेने के साथ ही इस प्रोजेक्ट की डिजाइन में बरती गई लापरवाही को जांच का मुख्य बिंदु भी मान लिया है. ऐसे में अधिकारियों पर अब गाज गिर सकती है.

बताया जा रहा है कि राजस्थान स्टेट माइंस एंड मिनरल्स लिमिटेड (आरएसएमएमएल) और रेलवे ने संयुक्त भागीदारी से इस प्रोजेक्ट को मूर्त रूप दिया था. आरएसएमएमएल ने अपनी राशि रेलवे को दी. इसके बाद रेलवे ने अपने हिस्से की राशि मिलाकर अपने ही निर्माण विंग को ये प्रोजेक्ट सौंप दिया. प्रोजेक्ट पूरा होने पर जब पहली ट्रेन चली तो प्लेटफॉर्म की डिजाइन में कमियां सामने आ गई और ट्रेन फस गई. प्लेटफॉर्म में इस कदर घटिया सामग्री काम में ली गई है कि लाइमस्टोन लोडिंग के लिए लोडर दौड़े तो प्लेटफॉर्म के नीचे से रेत और पत्थर के टुकड़े निकल कर बाहर आ गए. यहां मजबूती के नाम पर कुछ नजर नहीं आया.

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350 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट में इस तरह की लापरवाही सामने आने पर मंडल स्तर पर जांच चल ही रही थी, लेकिन अब रेलवे की विजिलेंस विभाग ने इसकी जांच अपने हाथों में ले ली है. जयपुर मुख्यालय से एक टीम सानू हमीरा पहुंची और निर्माण से जुड़ी सामग्री के नमूने लेकर जयपुर आ गई. वहीं, विजिलेंस में इंजीनियरिंग विभाग से जुड़े लोग इसके निर्माण के हर पहलू की जांच कर रहे हैं.

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