जयपुर. रेलवे बोर्ड ने लोको पायलट, असिस्टेंट लोको पायलट और गार्ड को ब्रेथ एनालाइजर टेस्ट और बायोमैट्रिक अटेंडेंस प्रक्रिया की अनिवार्य करने के आदेश को वापस लिया है. एआईआरएफ के सहायक महामंत्री मुकेश माथुर और अलारसा जोनल सचिव वेदनाथ मुद्गल ने ब्रेथ एनालाइजर टेस्ट को लेकर रेलवे प्रशासन पर रनिंग कर्मचारियों के प्रति उदासीन रवैया अपनाने का आरोप लगाया था.
रेलवे रनिंग स्टाफ नहीं देगा ब्रेथ एनालाइजर टेस्ट बता दें कि ब्रेथ एनालाइजर टेस्ट शराब की जांच के लिए किया जाता है. रेलवे लोको पायलट का ड्यूटी पर जाने से पहले और ड्यूटी समाप्त होने के बाद यह टेस्ट किया जाता है. जिससे लोको पायलट और रेलवे गार्ड की ओर से शराब के सेवन का पता चल सके, लेकिन कोरोनावायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए ब्रेथ एनालाइजर टेस्ट के आदेश को रेलवे बोर्ड द्वारा वापस लिया गया है.
हालांकि जो रेलवे गार्ड और ड्राइवर नशे के आदी है उनका रिकॉर्ड में नाम दर्ज है। ऐसे कर्मचारियों को राहत नहीं मिलेगी. बता दें कि नॉर्थ वेस्टर्न रेलवे एंप्लाइज यूनियन की ओर से भी रेलवे में लोको पायलट और गार्ड की ब्रीथ एनालाइजर की जांच पर रोक लगाने की मांग की गई थी.
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नॉर्थ वेस्टर्न रेलवे एंप्लाइज यूनियन ने उत्तर पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक से ब्रीथ एनालाइजर की जांच पर रोक लगाने की मांग की, क्योंकि कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए रेलवे में कर्मचारी ब्रीथ एनालाइजर की जांच देने में भी कतरा रहे थे. ताकि कहीं किसी को कोरोना वायरस का संक्रमण नहीं हो जाए.