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पाक का हनी ट्रैप : जासूसी के आरोप में रेलवे डाक सेवा का MTS कर्मी गिरफ्तार, पाकिस्तानी एजेंसी को भेजता था आर्मी के दस्तावेज की फोटो - शासकीय गुप्त बात अधिनियम 1923

राजस्थान इंटेलिजेंस (Rajasthan Intelligence) ने एक पाकिस्तान खुफिया एजेंसी के लिए काम करने वाले रेलवे डाक सेवा के एमटीएस कर्मचारी को गिरफ्तार किया है. आरोपी भारतीय सेना की डाक, चिट्ठी और महत्वपूर्ण दस्तावेजों की फोटो खींचकर पाकिस्तानी एजेंसी को भेजता था.

पाक का हनी ट्रैप
पाक का हनी ट्रैप

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Published : Sep 10, 2021, 6:03 PM IST

जयपुर.इंटेलिजेंस के महानिदेशक उमेश मिश्रा के मुताबिक पाकिस्तानी गुप्तचर एजेंसी की महिला एजेंट के हनीट्रैप (honey trap ) में फंसकर भारतीय सेना (indian army) के सामरिक महत्व के गोपनीय दस्तावेजों की फोटो खींचकर व्हाट्सएप के जरिये पाकिस्तानी हैंडलर को भेजने के आरोप में जयपुर स्थित रेलवे डाक सेवा के एमटीएस कर्मी भरत बावरी को गिरफ्तार किया गया है.

एमटीएस कर्मी भरत बावरी को मिलिट्री इंटेलिजेंस दक्षिणी कमान और स्टेट इंटेलिजेंस ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए गिरफ्तार किया है. आरोपी से पूछताछ की जा रही है. अब तक की पूछताछ में यह सामने आया है कि आरोपी भरत बावरी मूल रूप से जोधपुर जिले के गांव खेड़ापा का रहने वाला है. 3 वर्ष पहले ही एमटीएस परीक्षा के तहत रेलवे डाक सेवा के जयपुर स्थित कार्यालय में वह पद स्थापित हुआ था.

जयपुर रेलवे डाक सेवा (Railway Postal Service) कार्यालय में आने-जाने वाली डाक की छंटनी करने का कार्य भरत करता था. करीब 4 से 5 महीने पहले उसके मोबाइल के फेसबुक मैसेंजर पर एक महिला का मैसेज आया था. कुछ दिनों बाद दोनों व्हाट्सएप पर वॉइस कॉल और वीडियो कॉल से बातें करने लगे. छद्म नाम की महिला ने भरत को बताया कि वह पोर्ट ब्लेयर में नर्सिंग के बाद एमबीबीएस की तैयारी कर रही है.

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महिला ने अपने किसी रिश्तेदार का जयपुर स्थित किसी अच्छी सी आर्मी यूनिट में स्थानांतरण के बहाने आरोपी से धीरे-धीरे आर्मी के संबंध में आने वाले डाक के फोटो मंगवाना शुरू कर दिया. बाद में पाक महिला एजेंट ने आरोपी से जयपुर आकर मिलने, साथ घूमने और उसके साथ रुकने का झांसा देकर अपने छद्म फोटो भेजना शुरू कर दिया.

आरोपी को पूरी तरह से अपने मोह जाल में फंसा कर महिला ने आर्मी के पत्रों की फोटो भेजने के लिए कहा तो आरोपी चोरी-छिपे गोपनीय डाक पत्रों के लिफाफे खोलकर पत्रों की फोटो खींचकर व्हाट्सएप के जरिए भेजने लगा. आरोपी के फोन की वास्तविक जांच में तथ्यों की पुष्टि होने पर शासकीय गुप्त बात अधिनियम 1923 (Official Secrets Act 1923) के तहत मामला दर्ज किया गया है.

आरोपी ने पूछताछ पर यह भी बताया है कि वह महिला मित्र के चाहने पर अपनी स्वयं के नाम की एक सिम के मोबाइल नंबर और व्हाट्सएप के लिए ओटीपी भी शेयर कर दिए. ताकि उस भारतीय नंबर से पाक महिला एजेंट अन्य छद्म नाम से उपयोग कर अन्य लोगों और आर्मी के जवानों को अपना शिकार बना सके.

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