जयपुर. कोरोना वायरस की महामारी के चलते 23 मार्च से 14 अप्रैल तक देशभर में लॉकडाउन के चलते 20000 यात्री ट्रेनों का संचालन पूरी तरह बंद है. यानी देश भर में 21 दिन तक ट्रेनों के चक्के जहां के तहां खड़े रहेंगे.
बता दें, कि इससे पहले भी तीन बार ट्रेनों का संचालन रोका गया है, लेकिन किसी महामारी के चलते सरकार द्वारा संचालन रोकने का यह पहला मामला है. देश में एक बार राजस्थान में दो बार कर्मचारियों की विभिन्न मांगों के चलते रेल संचालन रोका गया है. लेकिन ऐसी स्थिति कभी नहीं हुई कि स्टेशन पर यात्री के आने-जाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया हो. रेल मामलों के जानकार और सेवानिवृत्त मंडल यातायात निरीक्षक डीपी मिश्रा ने अपना अनुभव साझा करते हुए बताया, कि वह 1971 में रेलवे में आए थे. इस दौरान उन्होंने रेलवे में तीन बड़ी हड़ताल देखी, लेकिन एक साथ देशभर में ट्रेनों का संचालन पूरी तरह से बंद होना कभी नहीं देखा.
यह 3 बड़ी हड़ताल जिनमें ट्रेनों का संचालन हुआ था ठप...
1. मिश्रा ने बताया, कि मार्च 1973 में जयपुर पश्चिम रेलवे के अधीन आता था, जिसका मुख्यालय मुंबई में था. अजमेर मंडल में कार्यरत स्टेशन मास्टर एसके पांडे का रेल प्रशासन के द्वारा नियम विरुद्ध ट्रांसफर कर दिया. ऐसे में उन्होंने प्रशासन को चेतावनी दी कि अगर उनका ट्रांसफर आदेश निरस्त नहीं किया गया, तो इसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन करेंगे. लेकिन जब रेलवे ने उन्हें नजरअंदाज किया तो, उन्होंने उसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. जिस पर ऑल इंडिया स्टेशन मास्टर एसोसिएशन ने जयपुर, अजमेर, रतलाम और नॉर्दन रेलवे के जोधपुर मंडल में आने वाली स्टेशनों को बंद कर दिया था.
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