जयपुर. जयपुर में कांग्रेस रैली (mahangai hatao rally of Congress in Jaipur) में महंगाई को किनारे कर राहुल गांधी हिंदू पर अड़ गए. कहा कि मैं हिंदू हूं लेकिन हिंदुत्ववादी नहीं (Rahul Gandhi Hindutva statement) हूं. हिंदुत्ववादी लोगों को मारता है, हिंदू सभी धर्मों का आदर करता है. हिंदुओं के राज की बात करके आखिरकार राहुल गांधी क्या कहना चाहते थे ? उनके बयान के बाद इस पर एतराज भी उठे और सफाई में अशोक गहलोत को हिंदुत्ववादी में सुधार कर छद्म हिंदुत्ववादी कहना पड़ा.
पिछले लोकसभा चुनाव में जनेऊ, गोत्र और सॉफ्ट हिंदुइज्म (soft Hinduism) से थोड़ा आगे सरक कर क्या राहुल गांधी भाजपा के मजबूत हिंदू वोट बैंक में सेंध लगाना चाहते हैं. क्या वे हिंदू को हिंदुत्ववाद से अलग कर पाएंगे ? महंगाई के मुद्दे पर राजस्थान में रैली करने आए राहुल गांधी देश को हिंदू और हिंदुत्ववादी की नई परिभाषा दे गए. राहुल गांधी 2014 के लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद लड़ने के लिए शायद नई जमीन तलाश रहे हैं.
कांग्रेस पर मुस्लिम तुष्टिकरण (Congress appeasement policy) के आरोप लगते रहे हैं. 2014 में वह सॉफ्ट हिंदुत्व ( Soft Hindutva ) की नीति पर आई और अब वह मोदी के गढ़ में सेंध लगाने के लिए 'हिंदुओं का राज' तक पर उतर आई है. भाजपा के खेमे में उन्होंने हिंदू वोटों के ध्रुवीकरण का डर बिठा दिया है. भारतीय जनता पार्टी ने देश के 80 प्रतिशत हिंदुओं के बड़े वर्ग को वोट बैंक बनाया और 2014 में सिरमौर बन गई. कांग्रेस और राहुल गांधी अब उसी 80 फीसद वोट बैंक में सेंध लगाने के लिए हिंदू और हिंदुत्ववादी में फर्क बताना शुरू कर चुके हैं.
राहुल गांधी की चुनौती भाजपा के लिए कितनी बड़ी
राहुल गांधी ने भले ही केंद्र की मोदी सरकार पर सांप्रदायिकता फैलाने, झूठ बोलने और सत्ता के लालची होने के साथ साथ कट्टर हिंदुत्ववादी होने के आरोप लगाए. लेकिन साथ ही उन्होंने यह भी कह दिया कि हिंदुत्ववादी सरकार को हटाकर सत्ता हिंदू के हाथ में सौंपनी होगी. राहुल गांधी ने जब कहा कि वे देश में हिंदुओं का राज लाना चाहते हैं तो यह सीधे तौर पर भाजपा के उस एकाधिकार को ललकारना था, जो वह हिंदुओं पर जाहिर करती रही है.
कांग्रेस पार्टी भी अगर वाकई हिंदुओं के शासन की कल्पना (Hindu policy of Congress) कर रही है तो जाहिर है कि हिंदुओं का वोट भी कांग्रेस को मिलेगा. ऐसे में जो वोटर हिंदू होने के गौरव में भाजपा को वोट करता आया है उसका रुख कांग्रेस की ओर होगा. तो क्या राहुल गांधी का तीर सही निशाने पर बैठा है, यह देखने वाली बात होगी।