जयपुर. गुजरात कांग्रेस के पूर्व कार्यकारी अध्यक्ष हार्दिक पटेल के राजस्थान (Raghu sharma on Hardik patel) को लेकर लगाए गए आरोपों पर गुजरात प्रभारी रघु शर्मा ने पलटवार किया है. इसके साथ ही उन्होंने हार्दिक पटेल के भाजपा में जाने को लेकर भी उनको आड़े हाथ लिया है. उन्होंने हार्दिक को अवसरवादी कहा है. गुजरात प्रभारी रघु शर्मा ने Etv भारत से खास बातचीत में हार्दिक पटेल की ओर से लगाए आरोपों कर कहा है कि उनकी बातों में कोई दम नहीं है. वह कई महीनों से बीजेपी के संपर्क में थे. उन्हें कांग्रेस छोड़ना ही था. इसलिए अब पार्टी छोड़ने के बाद ऐसी बयानबाजी कर रहे हैं. हार्दिक व्यापार और अवसरवाद की राजनीति करते हैं.
हार्दिक से तीन बार मिला
रघु शर्मा ने कहा कि पिछले 6 महीने से गुजरात में कांग्रेस के प्रभारी के रूप में काम कर रहा हूं और हार्दिक पटेल से मेरी महज तीन बार मुलाकात हुई है. वह संगठन की मीटिंग में भी नहीं आते थे. हम कई बार कहते थे कि पार्टी मीटिंग में तो आएं, लेकिन वह नहीं आए और उसका नतीजा सामने आया कि 18 मई को उन्होंने इस्तीफा दे दिया. आज वह अनर्गल बयानबाजी कर रहे हैं , लेकिन सच्चाई यह है कि मैं उनसे इन 6 महीनों में बमुश्किल 3 बार ही मिला हूं.
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हमारे राष्ट्रीय नेता के खिलाफ बयान दे रहे
रघु शर्मा ने कहा कि इस्तीफा देने के बाद हार्दिक ने हमारे राष्ट्रीय नेता राहुल गांधी के बारे में अपमानजनक बातें कहीं. प्रभारी रहने के नाते मेरी जिम्मेदारी थी कि उनकी असलियत और बीजेपी से उनकी मिलीभगत का पर्दाफाश करूं. इसलिए अब मेरे बारे में भी इसी तरह की बयानबाजी कर रहे हैं जबकि हमारे राष्ट्रीय राहुल गांधी ने उन्हें 25 साल की उम्र में गुजरात में कार्यकारी अध्यक्ष बनाकर एक बड़ी जिम्मेदारी दी.
हार्दिक व्यापार और अवसरवाद की राजनीति करते हैं
रघु शर्मा ने कहा कि हार्दिक पटेल व्यापार और अवसरवाद की राजनीति करते हैं, जो मुकदमे पाटीदार आंदोलन के दौरान उन पर लगे, वह अचानक कैसे विड्रॉ होने का प्रॉसेस शुरू हुआ. जिन नेताओं के खिलाफ वह सोशल मीडिया पर टिप्पणी करते थे, अब उन्हीं नेताओं की पार्टी में शामिल होने जा रहे हैं. हार्दिक पटेल का बीजेपी में शामिल होना यह दर्शाता है कि वह व्यापार और अवसरवादी राजनीति करते हैं.
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हार्दिक कोई बड़े नेता नहीं कि उनसे बात करूं
राजस्थान की राजनीति को लेकर की हार्दिक पटेल की ओर से की गई टिपणी पर रघुशर्मा ने कहा कि मेरे बारे में उन्होंने टिप्पणी की है कि मैंने यह कहा है कि राजस्थान में गहलोत साहब ने सब कुछ बर्बाद कर दिया और और यहां कांग्रेस की 10 सीटें ही आएंगी. अब ऐसे आदमी से में क्या बात करूंगा. हार्दिक इतने बड़े नेता थोड़ी हैं जो में उनसे इस तरह की बात करूंगा. मैंने उनसे राजस्थान के बारे में कोई भी बात नहीं की.
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जिन्हें कल तक गालियां देते थे आज उनसे गले मिल रहे हैं
रघुशर्मा ने कहा कि इससे पहले जो आंदोलन चला उसमें प्रधानमंत्री के खिलाफ, गृह मंत्री अमित शाह और वहां की तत्कालीन मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल के खिलाफ अनर्गल बातें की थीं. यहां तक कि उनको जनरल डायर तक कहा था. हार्दिक ने अमित शाह के बारे में भी जो ट्वीट किए हैं वह भी देखे जा सकते हैं. इसमें लिखा है कि योगी ने कहा कि गुंडे यूपी छोड़ दें, अमित शाह गुजरात आ गया. उसके बाद अगर सुबह का देशद्रोही शाम को बीजेपी में चला जाए तो उसे देश भक्त कहते हैं. रघुशर्मा ने कहा कि और भी कई सारे ट्वीट हैं जिसमें उन्होंने लिखा है कि भाजपा में सही लोगों को सम्मान नहीं दिया जाता है, लेकिन जो अमित शाह के पैरों की जूती बनकर रहता है, उनको आगे किया जाता है. अब हार्दिक उसी पार्टी में शामिल हो रहे हैं.
राजनीति व्यापार नहीं, समर्पण से होती है
उन्होंने कहा कि पानी पी-पी के वह अब तक मोदी और अमित शाह और बीजेपी को कोस रहे थे तो आज ऐसे क्या स्थिति हो गई कि वह राहुल गांधी के खिलाफ हो गए. यह उनकी फितरत है. राजनीति व्यापार नहीं है, राजनीति एक समर्पण का रास्ता है और इस तरह की अनर्गल बातें पार्टी छोड़ने के बाद वह जो कर रहे हैं यह उनके चरित्र को दर्शाता है. अब ज्यादा बहकी-बहकी बातें करने का मतलब है कि वह अब सही जगह चले गए हैं.