जयपुर. शहर के सवाई मानसिंह अस्पताल में हार्ट वाल्व के टेंडर प्रक्रिया पर सवाल उठने लगे हैं और जब टेंडर से जुड़ी गड़बड़ी बाहर निकली तो अस्पताल प्रशासन में खलबली मच गई. अब अस्पताल प्रशासन टेंडर को लेकर अपना बचाव कर रहा है.
SMS अस्पताल में हार्ट वाल्व टेंडर पर सवाल दरअसल हार्ट के मरीजों में लगने वाला मैकेनिकल वाल्व के टेंडर की प्रक्रिया हाल ही में सवाई मानसिंह अस्पताल प्रशासन की ओर से की गई थी. इस दौरान टेंडर की प्रक्रिया में अयोग्य फर्म को भी शामिल कर दिया गया और इसके बाद सवाई मानसिंह अस्पताल प्रशासन ने अपनी गलती भी मानी. उन्होंने कहा कि गलती से अयोग्य फर्म को टेंडर में शामिल कर लिया गया और जब मामला मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल तक पहुंचा तो आनन-फानन में इस अयोग्य फर्म को टेंडर से बाहर किया गया.
मामले को लेकर सवाई मानसिंह अस्पताल के अधीक्षक डॉ. राजेश शर्मा का कहना है कि अस्पताल की ओर से टेंडर को लेकर बनाई गई तकनीकी कमेटी ने पांच फर्मों को चयनित किया था और पूरी प्रक्रिया होने के बाद ही फाइनेंसियल बिड खोली गई है. बताया यह भी जा रहा है कि जिस कंपनी को अयोग्य बताया जा रहा है, उसे ब्लैक लिस्ट भी किया गया है और करोड़ों रुपए की रिकवरी भी कंपनी पर बकाया चल रही है.
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अस्पताल के अधीक्षक का यह भी कहना है कि हमारी कोशिश है कि मरीजों को कम से कम दाम पर अस्पताल में हार्ट वाल्व उपलब्ध हो सके. जानकारों का यह भी कहना है कि टेंडर में शामिल हुई एक कंपनी 35 हजार तक वॉल्व उपलब्ध कराने की बात कह रही है, जबकि टेंडर में शामिल अन्य कंपनियों के वॉल्व की कीमत 45 से 50 हजार के बीच है. ऐसे में अस्पताल प्रशासन ने दावा किया है कि मरीजों को कम से कम कीमत पर वाल्व उपलब्ध कराने की कोशिश की जा रही है और नेगोशिएशन के लिए एक बार फिर से सभी कंपनियों को बुलाया गया है.