जयपुर.सीएम अशोक गहलोत ने शुक्रवार को प्रवासियों के सुरक्षित आवागमन, क्वॉरेंटाइन शिविरों की व्यवस्थाओं की समीक्षा को लेकर उच्च स्तरीय बैठक की. इस दौरान उन्होंने जरूरी दिशा निर्देश दिए. उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे श्रमिकों की तकलीफ को समझें और क्वॉरेंटाइन सेंटरों में रह रहे इन श्रमिकों के लिए बेस्ट प्रैक्टिसेज लागू करें, ताकि संकट की इस घड़ी में उन्हें राहत मिल सके.
क्वॉरेंटाइन को लेकर दिए निर्देश
गहलोत ने निर्देश दिए कि हॉट स्पॉट और कर्फ्यू एरिया को छोड़कर प्रदेश में एक जिले से दूसरे जिले में जाने वाले व्यक्तियों को 14 दिन के लिए क्वॉरेंटाइन नहीं किया जाए. केवल उन्हीं लोगों को क्वॉरेंटाइन करें, जिनमें सर्दी, खांसी या जुकाम (आईएलआई) के लक्षण पाए जाएं. सीमावर्ती जिलों के औद्योगिक क्षेत्रों जैसे भिवाड़ी, नीमराणा इत्यादि में प्रतिदिन व्यावसायिक गतिविधियों के लिए आने वाले दूसरे राज्यों के उद्यमियों एवं श्रमिकों को भी क्वॉरेंटाइन नहीं किया जाए.
मास्क लगाना बना दिनचर्या का हिस्सा
मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों ने मास्क लगाने को अपनी दिनचर्या में शामिल कर लिया है. यह अच्छा संकेत है. इस जागरूकता के कारण ही हम लॉकडाउन में और अधिक छूट देने और जीवन रक्षा के लिए तैयार हो सकेंगे. लोगों के ये सकारात्मक प्रयास ही इस लड़ाई से जीतने में मददगार होंगे. सीएम ने कहा कि ग्राम स्तरीय क्वॉरेंटाइन समितियों तक भी इन नवाचारों को पहुंचाया जाए. साथ ही उन्होंने साफ कर दिया है कि एक जिले से दूसरे जिले में जाने वाले के लिए क्वॉरेंटाइन अनिवार्य नहीं होगा.
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ग्रामवासियों का मिल रहा सहयोग