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राजस्थान: बजट को लेकर PSF ने शुरू किया बैठकों का दौर, उद्योगपतियों और शराब कारोबारियों ने दिए ये सुझाव

प्रदेश की गहलोत गहलोत सरकार फरवरी में अपने तीसरे कार्यकाल का दूसरा बजट पेश कर सकती है. कोरोना में पेश होने वाले बजट को लेकर सरकार काफी गंभीर है, किस तरह से सभी वर्गों को राहत दी जा सकती है, इसको लेकर भी सुझाव लिए जा रहे हैं. बजट की तैयारियां पूरे जोरों पर हैं, पीएसएफ अखिल अरोड़ा ने परामर्श बैठकों का सिलसिला शुरू कर दिया है. सचिवालय में बजट को लेकर उद्योगपतियों के साथ बैठक हुई.

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बजट को लेकर पीएसएफ की मीटिंग

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Published : Dec 23, 2020, 12:53 AM IST

जयपुर.प्रदेश की गहलोत गहलोत सरकार फरवरी में अपने तीसरे कार्यकाल का दूसरा बजट पेश कर सकती है. कोरोना में पेश होने वाले बजट को लेकर सरकार काफी गंभीर है, किस तरह से सभी वर्गों को राहत दी जा सकती है, इसको लेकर भी सुझाव लिए जा रहे हैं. बजट की तैयारियां पूरे जोरों पर हैं, पीएसएफ अखिल अरोड़ा ने परामर्श बैठकों का सिलसिला शुरू कर दिया है. सचिवालय में बजट को लेकर उद्योगपतियों के साथ बैठक हुई. जिसमें उनसे सुझाव लिए गए.

बजट को लेकर पीएसएफ की मीटिंग

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इसके अलावा होटल, बार एसोसिएशन और शराब व्यवसायियों के साथ भी बैठक की. पीएसएफ अखिल अरोड़ा बुधवार को वर्चुअली फीकी के साथ चर्चा कर सुझाव लेंगे. बुधवार को ही ट्रांसपोर्टर एसोसिएशन और ट्रांसपोर्ट से जुड़े विभिन्न प्रतिनिधियों के साथ भी बैठक होगी. राज्य बजट की तैयारियां पूरे जोरों पर हैं. तीन दिन से चल रहे बजट पूर्व सुझाव में अलग-अलग सुझाव सामने आए हैं. परामर्श बैठक करने का यह सिलसिला बुधवार को भी जारी रहेगा. बैठक में वित्त सचिव राजस्व पी रविकांत, संयुक्त सचिव टीना डाबी सहित अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे.

उद्योगपतियों और शराब व्यापारियों ने क्या सुझाव दिए

उद्योगपतियों ने बताया कि बिजली का फिक्स चार्ज उद्योगों के लिए बढ़ाया गया है. यह फिक्स चार्ज बड़े उद्योगों के लिए 185 रुपए से 270 रुपए किया गया है और मध्यम उद्योगों के लिए 65 रुपए से 110 रुपए किया गया है. इससे उद्योगों के लिए बिजली की दर 7.40 पैसे से बढ़कर 10 से 15 रुपए तक हो जाती है. अगर बिजली को काम में नहीं भी लिया जाए तो करीब 2 लाख 70 हजार रुपए उद्यमी को बिजली के देने ही पड़ेंगे. उद्योगों के हित में बिजली के लिए लगाया गया यह फिक्स चार्ज कम किया जाए अन्यथा उद्योग धंधे चौपट हो सकते हैं.

कुछ अन्य मांगे जो उद्योगपतियों और शराब व्यापारियों से सरकार से की

  • पार्टनरशिप डीड के आधार पर जो इंडस्ट्री संचालित हैं, ऐसे उद्योगों में जब पार्टनर अलग होते हैं तो उनसे मुद्रांक शुल्क अलग मांगा जाता है. ऐसे में एक बार मुद्रांक शुल्क की राशि जमा करा देने पर पार्टनर के अलग होने पर दोबारा स्टांप ड्यूटी नहीं लगे यह व्यवस्था की जानी चाहिए.
  • जीएसटी में 36 (4) फॉर्म को लेकर व अन्य बिंदुओं को लेकर भ्रांतियां और विसंगतियां थीं जिन्हें दूर करने के लिए राज्य केंद्र के सामने पक्ष रखें.
  • ई वे बिल की सीमा पांच राज्यों में 50000 से बढ़ाकर एक लाख की गई है. इसे राजस्थान में भी लागू किया जाए. महाराष्ट्र, गुजरात, एमपी, दिल्ली, पश्चिम बंगाल में इसकी लिमिट बढ़ाई गई है.
  • लॉकडाउन के दौरान बिजली के लिए गए फिक्स चार्ज को वापस लिया जाए.
  • टूरिज्म और ट्रैवल सेक्टर को कोरोना में बहुत बड़ा झटका लगा है. उन्हें उबारने के लिए सरकार को इस बजट में इन दोनों उद्योगों को हैंडहोल्डिंग देनी चाहिए, उनके लिए पहले से फिक्स 100 करोड़ का बजट बढ़ाया जाए.
  • राजस्थान में पेट्रोल और डीजल में कर की दर सबसे ज्यादा है. उसे अन्य राज्यों के बराबर किया जाए. बिजली की दर को वन नेशन वन टैरिफ के आधार पर युक्तिसंगत किया जाए ताकि सभी उद्योगों को लेवल प्लेयिंग फील्ड बराबर मिले.
  • नाइट कर्फ्यू में ढील देकर 11 बजे तक बार खोलने की मंजूरी की मांग.

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