जयपुर. अदालत ने माना कि यदि रेरा एक्ट (RERA Act.) के प्रावधानों और बैंक की वसूली के कानून में कोई विरोधाभास होता है तो रेरा एक्ट के प्रावधानों को प्रभावी माना जाएगा. सीजे अकील कुरैशी और जस्टिस उमाशंकर व्यास की खंडपीठ ने यह आदेश यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की ओर से दायर याचिका पर दिए.
यूनियन बैंक ने रेरा के उस आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी, जिसके तहत रेरा ने बैंक की नीलामी प्रक्रिया को रद्द कर इमारत का कब्जा रेरा को सौंपने के आदेश दिए थे. याचिकाकर्ता बैंक की ओर से कहा गया कि रेरा अधिनियम सिर्फ बिल्डर पर ही लागू होते हैं और बैंक बिल्डर या प्रमोटर की परिभाषा में नहीं आता. ऐसे में रेरा को बैंक के विरुद्ध आदेश पारित करने का अधिकार नहीं है. इसके साथ ही बैंक कर लोन वसूली की प्रक्रिया को रेरा की ओर से प्रभावित नहीं किया जा सकता.