जयपुर.भवन विनियमों के प्रावधानों के तहत राष्ट्रीय राजमार्ग अथवा राज्य राजमार्ग के मार्गाधिकार में जिक्र है कि राज्य के सभी शहरों-कस्बों के मास्टर प्लान में नगरीयकरण योग्य क्षेत्र के बाहर राष्ट्रीय राज्य मार्गों या राज्य मार्गों का मार्गाधिकार आईआरसी और सार्वजनिक निर्माण विभाग की ओर से निर्धारित मापदण्डों अनुसार 200 फीट रखा जाए. 200 फीट सड़क मार्गाधिकार के बाद दोनों तरफ 100 फीट चौड़ी वृक्षारोपण पट्टी का भी प्रावधान रखा जाए.
नगरीयकरण क्षेत्र के अन्दर मास्टर प्लान में निर्धारित सड़क मार्गाधिकार के अनुसार स्वीकृति की कार्रवाई की जाए. जिन शहरों में राष्ट्रीय/राज्य राजमार्गों के बायपास निर्मित हो चुके हैं, उन शहरों के मास्टर प्लानों में नगरीयकरण योग्य क्षेत्र में मौके पर हो चुके निर्माणों और स्थानीय निकायों की ओर से दी गई स्वीकृतियों के दृष्टिगत स्थापित भवन रेखा को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रीय/राज्य राजमार्ग की चौड़ाई का पुनर्निर्धारण स्थानीय निकायों की ओर से मास्टर प्लान में संशोधन की प्रक्रिया के तहत किया जा सकेगा.
रेलवे सीमा से लगते हुए क्षेत्र में पट्टा दिये जाने के सम्बन्ध में
रूपान्तरण/नियमन/भू-उपयोग परिवर्तन के प्रकरणों में रेलवे सीमा के बाद नियमन कर पट्टे जारी किये जा सकते हैं, लेकिन रेलवे सीमा से लगती हुई 30 मीटर क्षेत्र में भूमि पर निर्माण से पूर्व सम्बन्धित रेलवे ऑथोरिटी को सूचित किया जाना आवश्यक होगा. भारतीय रेलवे वर्क्स मेनुअल 2000 के प्रावधानानुसार रेलवे सीमा से 30 मीटर की दूरी में भवन निर्माण किये जाने से 90 दिन पहले रेलवे ऑथोरिटी को सूचित किये जाने का प्रावधान है.