जयपुर.देशभर में लॉकडाउन के चलते प्राइवेट बस ऑपरेटर्स को भी काफी नुकसान उठाना पड़ा था. इस पर परिवहन विभाग ने प्राइवेट बस ऑपरेटर्स को राहत देते हुए 3 माह का टैक्स माफ किया है. वहीं ऑपरेटर्स की मांग है कि सरकार उनके 6 महीने का टैक्स माफ करे.
प्राइवेट बस ऑपरेटर्स का विरोध जारी प्राइवेट बस ऑपरेटर्स द्वारा पहले से लगातार मांग की जा रही थी कि सरकार उनका 1 साल तक का टैक्स माफ करे. लेकिन इस बीच अब प्राइवेट बस ऑफिस के विरोध को देखते हुए परिवहन विभाग ने बसों का 3 माह का टैक्स माफ करना तय किया. लेकिन फिर भी प्राइवेट बस ऑपरेटर्स ने इसका विरोध किया.
1 जून से जारी है प्राइवेट बस ऑपरेटर की हड़ताल-
आपको बता दें कि राज्य सरकार की रियायत के बाद प्रदेश में पब्लिक ट्रांसपोर्ट को शुरू तो कर दिया था. लेकिन अभी भी अंतरराज्यीय बसें शुरू नहीं हुई है. इसका सबसे बड़ा कारण प्राइवेट बस ऑपरेटर्स की हड़ताल है. जयपुर सहित पूरे प्रदेश में 1 जून से ही यात्री बसों का चक्का जाम कर हड़ताल लगातार जारी है.
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प्राइवेट बस ऑपरेटर्स एसोसिएशन का कहना है कि परिवहन मंत्री और मुख्यमंत्री की इस बात को लेकर काफी चर्चा हुई है और मीटिंग भी हुई है, लेकिन अभी भी प्राइवेट बस ऑपरेटर्स को सरकार की ओर से राहत नहीं दी गई. प्राइवेट बस ऑपरेटर्स एसोसिएशन के कैलाश चंद्र शर्मा का कहना है कि जब तक परिवहन विभाग और राज्य सरकार प्राइवेट बस ऑपरेटर्स की मांग नहीं मानेगा, तब तक प्रदेश के अंतर्गत अंतर राज्य बस सेवा शुरू नहीं होगी. वहीं प्रदेश में अंतरराज्यीय बस सेवा शुरू नहीं होने की वजह से अभी भी आमजन को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
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प्राइवेट बस ऑपरेटर्स की मांग है कि परिवहन विभाग उनके छह माह का टैक्स माफ करे. ऐसे में यदि अब प्रदेश में 6 माह की टैक्स माफ होता है तो परिवहन विभाग को करीब 300 करोड़ रुपए के राजस्व का नुकसान भी होगा. वहीं यदि परिवहन विभाग टैक्स में 6 माह की छूट देता है तो 10,000 बस ऑपरेटरों सहित 30,000 बस मालिकों को फायदा होगा.