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पुजारी हत्याकांड: पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने के लिए जयपुर में सड़कों पर उतरे लोग - जयपुर की ताजा खबरें

करौली के सपोटरा तहसील के गांव बुंकना में मंदिर के पुजारी बाबूलाल वैष्णव को दिनदहाड़े पेट्रोल छिड़ककर आग के हवाले कर दिया गया. इस मामले में अब तक 2 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. बाकी आरोपी अभी भी फरार हैं. जिनकी गिरफ्तारी के लिए जयपुर में लोगों ने सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन किया.

पुजारी हत्याकांड को लेकर जयपुर में प्रदर्शन,  Protest in Jaipur over the priest murder
पुजारी हत्याकांड के विरोध में जयपुर में प्रदर्शन

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Published : Oct 15, 2020, 6:00 PM IST

जयपुर: करौली के सपोटरा में पुजारी हत्याकांड मामले में पीड़ित परिवार को न्याय नहीं मिलने से आक्रोशित लोगों ने गुरुवार को जयपुर में रैली निकाली. 22 गोदाम से सिविल लाइन फाटक तक 'फाइट फॉर राइट' संगठन के नेतृत्व में लोगों ने प्रदर्शन किया. जहां हाथों में बैनर पोस्टर लिए लोगों ने पुजारी बाबूलाल वैष्णव को पूरी तरह से न्याय देने की गुहार लगाई.

दरअसल, करौली जिले के सपोटरा तहसील के गांव बुंकना में मंदिर के पुजारी बाबूलाल वैष्णव को दिनदहाड़े पेट्रोल छिड़ककर आग के हवाले कर दिया गया. जिनकी इलाज के दौरान मौत हो गई. इस प्रकरण को लेकर लगातार सियासत गरमाई हुई है और संत-महंतों पर हो रहे हमलों को लेकर राजस्थान की जनता भी आक्रोशित है. ऐसे में 'फाइट फॉर राइट' संगठन ने मृतक पुजारी को पूर्ण न्याय मिलने और ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति ना हो इसके लिये मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा.

पुजारी हत्याकांड के विरोध में जयपुर में प्रदर्शन

इस मौके पर 'फाइट फॉर राइट' संगठन के प्रदेशाध्यक्ष सुनील उदेईया ने कहा कि पूरे प्रदेश में मंदिर जमीन विवादों को लिस्टेड करते हुऐ प्राथमिकता से अतिक्रमण मुक्तकर निपटारा किया जाए और एक नया कानून बनाया जाए. जिससे भविष्य में ऐसी घटनाओं नहीं हो. इस हत्याकांड की निष्पक्ष जांच एसआईटी से करवाई जाए. पूरे प्रकरण में हत्या को आत्महत्या में बदलकर सरकार की छवि खराब करने वाले एसएचओ का नार्को टेस्ट करवा कर इसमें लिप्त राजनेता या अन्य दबाव देने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई हो.

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उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय विधायक की इस हत्याकांड में भूमिका की जांच हो और उनके द्वारा पीड़ित परिवार के घर तुरंत नहीं जाना सरकार की छवि खराब करना और आरोपियों को संरक्षण देने की पूर्ण निष्पक्ष जांच हो. साथ ही पीड़ित परिवार के सदस्यों को संविदा पर नहीं, बल्कि स्थाई नियुक्ति दी जाए. उन्होंने कहा कि उन्होंने राज्य सरकार से 50 लाख की आर्थिक सहायता की मांग की लेकिन 10 लाख रुपए ही दिए गए.

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