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राजस्थान के मेडिकल कॉलेजों में फीस वृद्धि और NRI सीट बढ़ाए जाने का विरोध

राजस्थान के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में 10 गुना फीस वृद्धि किए जाने का विरोध हो रहा है. इस क्रम में बुधवार को SMS मेडिकल कॉलेज के बाहर छात्रों ने सरकार के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया और फीस बढ़ोतरी के फैसले को वापस लेने की मांग की. छात्रों ने कहा कि सरकार का ये कदम साधारण परिवार से आने वाले छात्रों को मेडिकल शिक्षा पाने और डॉक्टर बनने से वंचित कर देगा.

मेडिकल कॉलेजों में फीस वृद्धि को लेकर छात्रों का प्रदर्शन

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Published : Jul 24, 2019, 6:26 PM IST

जयपुर.राजस्थान के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में 10 गुना फीस वृद्धि किए जाने का विरोध हो रहा है. इस क्रम में बुधवार को SMS मेडिकल कॉलेज के बाहर छात्रों ने सरकार के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया और फीस बढ़ोतरी के फैसले को वापस लेने की मांग की. साथ ही छात्रों ने मेडिकल कॉलेजों में बढ़ाई गई एनआरआई कोटे की सीटों पर भी विरोध दर्ज कराया और मांगे पूरी नहीं होने तक प्रदर्शन जारी रखने की चेतावनी दी.

मेडिकल कॉलेजों में फीस वृद्धि को लेकर छात्रों का प्रदर्शन

बता दें, SMS सहित राजस्थान के तमाम सरकारी मेडिकल कॉलेजों में फीस को 10 गुना बढ़ा दिया गया है. 2017 में जहां मेडिकल कॉलेजों की फीस 5-7 हजार रुपए थी. वहीं, 2018 में इसे बढ़ाकर 50 हजार रुपए तक कर दिया गया. इसके साथ ही सरकार ने हर साल 10% फीस बढ़ाने का भी फैसला लिया है. सरकार के इस फैसले को छात्र विरोधी मानते हुए, बुधवार को SMA सहित तमाम मेडिकल कॉलेज के छात्रों ने प्रदर्शन किया.

ऑल इंडिया मेडिकल स्टूडेंट एसोसिएशन के बैनर तले किए गए इस प्रदर्शन में छात्रों ने फीस वृद्धि के फैसले को वापस लेने की मांग की. साथ ही एनआरआई कोटे की बढ़ाई गई सीटों के फैसले को भी यहां के छात्रों के साथ कुठाराघात बताया. छात्रों ने कहा कि सरकार का ये कदम साधारण परिवार से आने वाले छात्रों को मेडिकल शिक्षा पाने और डॉक्टर बनने से वंचित कर देगा. उन्होंने कहा कि कोई भी गरीब घर से आने वाला छात्र इतनी महंगी पढ़ाई कैसे कर पाएगा. उन्होंने इसे शिक्षा पाने के अधिकार का हनन बताते हुए शिक्षा के व्यवसायीकरण को खत्म किए जाने की मांग की.

वहीं, ऑल इंडिया मेडिकल स्टूडेंट एसोसिएशन के उपाध्यक्ष डॉ. पंकज सिंह ने एनआरआई सीट पर पैसे लेकर अयोग्य छात्रों को लाने से योग्य छात्रों का हक मारे जाने और फीस बढ़ोतरी को गरीब और मध्यम परिवार के छात्रों के हित का हनन करने वाला फैसला बताया. साथ ही इन फैसलों को वापस लेने की मांग की. बहरहाल, सरकार के दोनों फैसलों का मेडिकल स्टूडेंट विरोध कर रहे हैं. देखना होगा कि सरकार अब इस क्रम में अपने फैसलों को वापस लेती है या नहीं.

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