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जयपुर: 1 साल पहले जीपीएस सिस्टम लगाने का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा गया...लेकिन अभी तक नहीं मिली मंजूरी - जयपुर में जीपीएस सिस्टम लगाने का प्रस्ताव

राजस्थान रोडवेज में यात्रियों की यात्रा को सुगम बनाने के लिए रोडवेज प्रशासन की ओर से जीपीएस सिस्टम लगाने का प्रस्ताव पिछले वर्ष तैयार किया गया था. जहां रोडवेज की ओर से राज्य सरकार के जरिए मिनिस्ट्री ऑफ रोड ट्रांसपोर्ट हाईवे को 16 करोड़ की डीपीआर बनाकर भेजी गई थी. जिसपर मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास की तरफ से प्रस्ताव को मंजूरी के बाद केंद्र सरकार को डीपीआर बनाकर भेजा गया था. जिसके बाद अब तक इसकी मंजूरी नहीं मिली है.

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1 साल पहले जीपीएस सिस्टम लगाने का प्रस्ताव केंद्र सरकार की ओर से नहीं मिली मंजूरी

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Published : May 2, 2021, 7:26 PM IST

जयपुर.राजधानी सहित प्रदेश वासियों की लाइफ लाइन राजस्थान रोडवेज को कहा जाता है. राजस्थान रोडवेज में यात्रियों की यात्रा को सुगम बनाने के लिए रोडवेज प्रशासन की ओर से जीपीएस सिस्टम लगाने का प्रस्ताव पिछले वर्ष तैयार किया गया था. जहां रोडवेज प्रशासन की ओर से राज्य सरकार के जरिए मिनिस्ट्री ऑफ रोड ट्रांसपोर्ट हाईवे को 16 करोड़ की डीपीआर बनाकर भेजी गई थी. निर्भया फंड से रोडवेज बसों में जीपीएस सिस्टम भी लगाया जाना था.

1 साल पहले जीपीएस सिस्टम लगाने का प्रस्ताव केंद्र सरकार की ओर से नहीं मिली मंजूरी

इसमें से 9 करोड रुपए मिनिस्ट्री ऑफ रोड ट्रांसपोर्ट की ओर से दिए जाने थे, वहीं शेष राशि रोडवेज प्रशासन की तरफ से खर्च की जानी थी. इसके लिए रोडवेज मुख्यालय की आईटी सेल में कंट्रोल रूम भी बनाया जाना था. जहां से बसों की लाइव मॉनिटरिंग की जा सकती थी. बता दें कि पिछले वर्ष परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास के की तरफ से रोडवेज के प्रस्ताव को मंजूरी के बाद केंद्र सरकार को डीपीआर बनाकर भेजा गया था. वहीं, रोडवेज के बेड़े में पिछले वर्ष ही 875 बसों खरीदी गई थी. जिनमें तो जीपीएस सिस्टम लगा हुआ है.

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इनकी मॉनिटरिंग रोडवेज की ओर से लगातार की जा रही है. आईटी सेल की ओर से इनके मार्ग और गति पर नजर रखी जाती है. खुद रोडवेज के सीएमडी बस की रिपोर्ट भी लेते हैं, लेकिन पुरानी बसों में अभी तक इस सिस्टम को लेकर प्रस्ताव अधर में ही अटका हुआ है. वहीं अधिकारियों की ओर से भी इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है. इसके अलावा ओवर स्पीड खामियां मिलने पर कार्रवाई भी नहीं की जा रही है. बीते दिनों जयपुर की आगरा रूट पर चल रही बस स्पीड भी पाई गई थी. ऐसे में स्पीड अधिक दिखाई गई. इसपर बस चालक को रोडवेज की ओर से नोटिस भी जारी किया गया है.

राजस्थान रोडवेज के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि अभी तक कुछ बसों में ही जीपीएस और पैनिक बटन लगे हैं. अभी रोडवेज की बसों में यह ऑनलाइन ट्रैकिंग सिस्टम लागू किया जा रहा है. इसके लिए मिनिस्ट्री ऑफ रोड ट्रांसपोर्ट निर्भया फंड से सहायता भी मांगी गई है. जल्द ही इसकी स्वीकृति आ जाएगी और कुछ और बसों में जीपीएस सिस्टम भी लागू किया जाएगा.

जानिए कैसे काम करेगा जीपीएस

जीपीएस सिस्टम लग जाने के बाद बसों की 5 तरह से मॉनिटरिंग की जा सकेगी. इसमें ओवर स्पीड, स्टॉपेज, सिटी या बाईपास से बस गुजरी, कितने किलोमीटर बस चली और यात्रियों का सुरक्षा का ध्यान में रखा जाएगा. इनमें अगर किसी भी तरह की चालक या परिचालक की ओर से कोताही बरती गई तो तुरंत चालक और परिचालक को सूचना भी दी जाएगी.

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