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Syndicate Bank fraud case: 56.81 करोड़ की संपत्ति की गई अटैच, ईडी के रडार पर 81 आरोपी - 81 accused on radar of ED in Fraud case

ईडी ने सिंडिकेट बैंक धोखाधड़ी मामले में राजस्थान के उदयपुर स्थित चार्टर्ड अकाउंटेंट भरत बम्ब और उनके अन्य सहयोगियों की 56.81 करोड़ रुपए की अचल और चल संपत्ति कुर्क (ED attaches property of accused in fraud case) की है. ये संपत्तियां कृषि भूमि, भूखंडों, दुकानों और बैंक खातों के रूप में हैं. 1,267 करोड़ 79 लाख रुपए के लोन घोटाले में ईडी अब तक 535 करोड़ रुपये की संपत्ति अटैच कर चुका है.

Syndicate Bank fraud case
सिंडिकेट बैंक धोखाधड़ी मामले में संपत्ति अटैच

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Published : Feb 14, 2022, 4:27 PM IST

जयपुर.सिंडिकेट बैंक फ्रॉड केस को लेकर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) एक्शन मोड पर है. ईडी ने घोटालेबाजों की संपत्ति पर कानूनी ताला लगाते हुए 56.81 करोड़ की संपत्ति अटैच की है. मुख्य अभियुक्त सीए भरत बम्ब, शंकर लाल खंडेलवाल और अन्य पर ईडी ने कार्रवाई की है. PMLA एक्ट के तहत आरोपियों की संपत्ति अटैच की गई है. 1,267 करोड़ 79 लाख रुपए के लोन घोटाले में ईडी ने एक्शन लेते हुए अब तक 535 करोड़ रुपए की संपत्ति अटैच कर चुका है. मामले में 81 आरोपी ईडी जयपुर ब्रांच के रडार (81 accused on radar of ED in Fraud case) पर हैं.

प्रवर्तन निदेशालय ने सिंडीकेंट बैंक घोटाले के मुख्य आरोपी उदयपुर के सीए भरत बम्ब, शंकर लाल खंडेलवाल सहित अन्य आरोपियों की संपत्ति अटैच की है. ईडी ने प्रदेश में स्थित आरोपियों की कृषि भूमि, प्लॉट, दुकान, ऑफिस अटैच किए गए हैं. कुल 81 आरोपियों पर 1,267 करोड़ 79 लाख रुपए के लोन घोटाले का आरोप है. ईडी अब तक 537 करोड़ रुपए की संपत्ति इस मामले में अटैच कर चुका है. विभिन्न कपंनियों, कर्मचारियों, परिजनों और पिछड़ी जाति के लोगों के नाम पर अरबों रुपए की संपत्ति का लेनदेन ईडी की जांच में सामने आया है. सिंडिकेट बैंक धोखाधड़ी मामले में धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत कार्रवाई की गई है.

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ईडी ने पहले सिंडिकेट बैंक और अन्य अधिकारियों के खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर और केंद्रीय जांच ब्यूरो द्वारा दायर आरोप पत्र के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू की. जांच के दौरान, ईडी ने कहा कि, 2011 से 2016 तक मुख्य जालसाज भरत बम्ब ने बैंक अधिकारियों की मिलीभगत से पूर्ववर्ती सिंडिकेट बैंक से 1,267.79 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी की. इसमें धोखेबाजों के नाम पर या परिवार के सदस्यों के नाम पर ऋण स्वीकृत करना और भारत बम्ब की ओर से नियंत्रित शेल कंपनियों द्वारा जारी किए जाने वाले फर्जी चेक शामिल थे.

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ईडी की एक जांच से पता चला है कि धोखाधड़ी की रकम को भरत बम्ब ने उसकी की ओर से संचालित और नियंत्रित विभिन्न बैंक खातों में स्थानांतरित कर दिया था. इससे पहले मामले की जांच के दौरान ईडी ने अब तक 478.66 करोड़ रुपए की संपत्ति की संचयी कुर्की के लिए चार अस्थायी कुर्की आदेश जारी किए थे. साथ ही डिमांड ड्राफ्ट के रूप में 2.25 करोड़ रुपए की जब्ती भी की गईं है.

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