जयपुर.सिंडिकेट बैंक फ्रॉड केस को लेकर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) एक्शन मोड पर है. ईडी ने घोटालेबाजों की संपत्ति पर कानूनी ताला लगाते हुए 56.81 करोड़ की संपत्ति अटैच की है. मुख्य अभियुक्त सीए भरत बम्ब, शंकर लाल खंडेलवाल और अन्य पर ईडी ने कार्रवाई की है. PMLA एक्ट के तहत आरोपियों की संपत्ति अटैच की गई है. 1,267 करोड़ 79 लाख रुपए के लोन घोटाले में ईडी ने एक्शन लेते हुए अब तक 535 करोड़ रुपए की संपत्ति अटैच कर चुका है. मामले में 81 आरोपी ईडी जयपुर ब्रांच के रडार (81 accused on radar of ED in Fraud case) पर हैं.
प्रवर्तन निदेशालय ने सिंडीकेंट बैंक घोटाले के मुख्य आरोपी उदयपुर के सीए भरत बम्ब, शंकर लाल खंडेलवाल सहित अन्य आरोपियों की संपत्ति अटैच की है. ईडी ने प्रदेश में स्थित आरोपियों की कृषि भूमि, प्लॉट, दुकान, ऑफिस अटैच किए गए हैं. कुल 81 आरोपियों पर 1,267 करोड़ 79 लाख रुपए के लोन घोटाले का आरोप है. ईडी अब तक 537 करोड़ रुपए की संपत्ति इस मामले में अटैच कर चुका है. विभिन्न कपंनियों, कर्मचारियों, परिजनों और पिछड़ी जाति के लोगों के नाम पर अरबों रुपए की संपत्ति का लेनदेन ईडी की जांच में सामने आया है. सिंडिकेट बैंक धोखाधड़ी मामले में धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत कार्रवाई की गई है.
पढ़ें:Bundi ACB Big Action : ढाई लाख की रिश्वत लेते सहायक निदेशक गिरफ्तार, रामप्रसाद बोला- फोटो तो कभी-कभी खींचते हैं, खींचने दो
ईडी ने पहले सिंडिकेट बैंक और अन्य अधिकारियों के खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर और केंद्रीय जांच ब्यूरो द्वारा दायर आरोप पत्र के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू की. जांच के दौरान, ईडी ने कहा कि, 2011 से 2016 तक मुख्य जालसाज भरत बम्ब ने बैंक अधिकारियों की मिलीभगत से पूर्ववर्ती सिंडिकेट बैंक से 1,267.79 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी की. इसमें धोखेबाजों के नाम पर या परिवार के सदस्यों के नाम पर ऋण स्वीकृत करना और भारत बम्ब की ओर से नियंत्रित शेल कंपनियों द्वारा जारी किए जाने वाले फर्जी चेक शामिल थे.
पढ़ें:Income Tax Raid: प्रदेश के दो बड़े कारोबारी समूह पर आयकर के छापे में खुले काली कमाई के राज, जांच में सामने आई 41 करोड़ की Black Money
ईडी की एक जांच से पता चला है कि धोखाधड़ी की रकम को भरत बम्ब ने उसकी की ओर से संचालित और नियंत्रित विभिन्न बैंक खातों में स्थानांतरित कर दिया था. इससे पहले मामले की जांच के दौरान ईडी ने अब तक 478.66 करोड़ रुपए की संपत्ति की संचयी कुर्की के लिए चार अस्थायी कुर्की आदेश जारी किए थे. साथ ही डिमांड ड्राफ्ट के रूप में 2.25 करोड़ रुपए की जब्ती भी की गईं है.