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स्पेशल: बच्चों की नजर को लग रही 'नजर', मोबाइल पर ऑनलाइन पढ़ाई बनी आफत

कोरोना के चलते लागू हुए लॉकडाउन के दौरान ऑनलाइन यानी मोबाइल के जरिए पढ़ाई छोटे बच्चों की आंखों के लिए आफत बनकर आई है. पढ़ाई के दौरान कई घंटे तक मोबाइल पर नजर इनकी आंखों को सूखा (ड्राई) बना रही है. सुबह से रात तक टीचर अपने-अपने विषयों से जुड़े काम मोबाइलों पर ग्रुप बनाकर सेंड कर रहे हैं. पढ़ाई करने के लिए बच्चे कई-कई घंटे तक मोबाइल पर निगाह गड़ाए रहते हैं. बाकी समय में वे मोबाइल पर ही गेम खेलते हैं. इस तरह उनका काफी समय मोबाइल पर ही गुजर रहा है. इसका असर उनकी आंखों पर पड़ने लगा है.

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मोबाइल पर ऑनलाइन पढ़ाई बनी आफत

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Published : Feb 17, 2021, 9:40 AM IST

Updated : Feb 17, 2021, 2:21 PM IST

कोटपुतली (जयपुर).कोरोना संकट के कारण स्कूल बंद हुए तो बच्चों ने ऑनलाइन पढ़ाई की राह पकड़ी. यह बच्चों के लिए अलग अनुभव वाली चीज रही. अलग-अलग एप पर वीडियो चैटिंग या वीडियो कांफ्रेंसिंग कर बच्चों ने पूरे सेशन की पढ़ाई की. लेकिन इसका नकारात्मक प्रभाव भी पड़ा है. ऑनलाइन क्लास करने से बच्चों की सेहत पर असर पड़ा है. खासकर बच्चों की आंखें खराब हो रहीं हैं. बच्चे लगातार मोबाइल, टैब, लैपटाप और दूसरे इलेक्ट्रानिक गैजेट्स का इस्तेमाल कर रहे हैं. नतीजा बच्चों की आंखों की रोशनी कम होती जा रही है.

मोबाइल पर ऑनलाइन पढ़ाई बनी आफत

कोरोना काल के बाद से पढ़ाई का स्तर और माध्यम दोनों ही बदल चुके हैं. ऑनलाइन पढ़ाई न केवल बच्चों के मानसिक और शारीरिक क्षति पहुंचाने का काम कर रहा है. बल्कि उनकी आंखों को भी निरंतर प्रभावित कर रहा है. जो उन्हें कम उम्र में ही चश्मा लगाने को मजबूर कर रही है. स्कूलों के बंद होने के बाद जिस प्रकार से ऑनलाइन पढ़ाई का क्रेज बढ़ा है. उसी प्रकार से बच्चों की आंखों में आने वाली तकलीफों के मामले में निरंतर बढ़ते जा रहे हैं. ऐसे में डॉक्टर्स का कहना है कि मोबाइल और लैपटॉप से निकलने वाली विकिरण बच्चों की आंखों को न केवल नुकसान पहुंचाती हैं, बल्कि उनकी आंखों पर चश्मा लगाना भी मजबूरी बन जाती है.

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कोतपुतली में स्थित नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. ममता वर्मा की माने तो ऑनलाइन पढ़ाई के कारण सबसे अधिक 7 से 15 साल तक के बच्चे परेशान हैं. क्लीनिक में भी इनकी संख्या बढ़ी है. इन्हें इलाज के साथ हर 20 मिनट में अपनी आंख को ब्रेक देने की जरूरत है. लगातार स्क्रीन में नजर डालकर रखने से आंखों की रोशनी कम होने लगती है. इसलिए नजर को थोड़े-थोड़े देर में भटकाने की जरूरत है. आंखें सूखने की स्थिति में पानी से धोना चाहिए. पानी आने की स्थिति में चिकित्सक से परामर्श लेने के बाद आई ड्रॉप या एआरसी कोटेड चश्मा का इस्तेमाल करना चाहिए.

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गौरतलब है कि गहलोत सरकार ने हाल ही में पहले कक्षा 9 से 12 और उसके बाद कक्षा 6 से 8 तक के स्कूल को खोलने की अनुमति दे दी है. लेकिन अभी छोटे बच्चों को विद्यालय खुलने का इंतजार करना पड़ रहा है, जिसके चलते उन्हें ऑनलाइन पढ़ाई का सहारा लेना मजबूरी बन गई है.

ऑनलाइन पढ़ाई...

ऐसे बचा सकते हैं इन समस्याओं से...

  • बच्चों का स्क्रीन टाइम सीमित किया जाए
  • यदि ऑनलाइन स्टडी चल रही है तो हर 20 मिनट के बाद 20 सेकंड के लिए आंखों को आराम दें
  • डॉक्टर के बताए अनुसार आंखों को घुमाने आदि जैसी एक्सरसाइज करते रहें
  • जब बच्चे स्क्रीन का इस्तेमाल कर रहे हों तो पलकें झपकाना न भूलें
  • स्क्रीन का इस्तेमाल करते वक्त उससे जितना दूर हो सके, उतना दूर बैठें
  • लगातार आधे घंटे से अधिक समय तक मोबाइल न देखें
  • थोड़ी-थोड़ी देर पर आंखों को ठंडे पानी से धोते रहें
  • गुलाब जल रोजाना दो-तीन बार आंखों में डालें
  • मोबाइल पर पढ़ाई करने वाले बच्चों को गेम खेलने से दूर रखें
  • डॉक्टर की सलाह से आई-ड्राप बच्चे आंखों में डालें
Last Updated : Feb 17, 2021, 2:21 PM IST

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